1994 की काल्पनिक फिल्म फ़ॉरेस्ट गंप में, फ़ॉरेस्ट दौड़ने के लिए प्रसिद्ध हो जाता है l जो “सड़क के अंत तक” धीरे-धीरे दौड़ने के रूप में प्रारंभ हुआ था तीन वर्ष, दो महीने, चौदह दिन और सोलह घंटे तक जारी रहा l हर बार जब वह अपने गन्तव्य तक पहुँचा, उसने एक नया लक्ष्य निर्धारित किया और संयुक्त राज्य अमेरिका भर में टेढ़ा-मेढ़ा दौड़ते हुए दौड़ना जारी रखा, एक दिन जब तक उसे अब ऐसा महसूस नहीं हुआ l “ऐसा महसूस हो रहा है” ही से उसकी दौड़ शुरू हुयी थी l फ़ॉरेस्ट कहते हैं, “उस दिन बिना किसी विशेष कारण से, मैंने छोटी दौड़ दौड़ने का फैसला किया l”

फ़ॉरेस्ट के प्रतीत होने वाले सनकी दौड़ के विपरीत, प्रेरित पौलुस अपने पाठकों से उसके उदहारण का अनुसरण करते हुए “ऐसे [दौड़ने को कहता है जिसमें जीत हो]”(1 कुरिन्थियों 9:24) l अनुशासित एथलीटों की तरह, हमारा दौड़ना – जिस तरह से हम अपना जीवन जीते हैं – का अर्थ हमारे कुछ सुखों को नकारना हो सकता है l अपने अधिकारों को त्यागने को तैयार रहना हमें दूसरों तक पाप और मृत्यु से हमारे बचाव का शुभ समाचार पहुंचाने में सहायता प्रदान कर सकती है l

अपने प्रशिक्षित हृदयों और मनों के साथ दूसरों को हमारे साथ दौड़ने के लक्ष्य के लिए आमंत्रित करना, हमें परम पुरस्कार अर्थात् परमेश्वर के साथ शाश्वत सहभागिता का भी आश्वासन देते हैं l परमेश्वर द्वारा वेजेता को दिया गया मुकुट सर्वदा तक रहेगा; हम उसकी सामर्थ्य पर निर्भर होकर उसको  प्रगट करने के लक्ष्य के साथ ऐसा करते हैं l दौड़ने के लिए कितना अच्छा कारण है!