बारना समूह द्वारा 2018 में किये गए एक अध्ययन में पाया गया कि अधिकाँश अमरीकी परमेश्वर के बारे में बात करना पसंद नहीं करते हैं l केवल सात फीसदी अमरीकी लोगों का कहना है कि वे नियमित रूप से आध्यात्मिक मामलों के बारे में बात करते हैं – और अमेरिका में यीशु में व्यवहारिक विश्वासीउतने भिन्न नहीं है l केवल तेरह फीसदी नियमित रूप से चर्च जानेवाले कहते हैं कि वे सप्ताह में एक बार आध्यात्मिक बातचीत करते हैं l 

शायद यह आश्चर्य की बात नहीं है कि आध्यात्मिक बातचीत गिरावट पर है l परमेश्वर के बारे में बात करना खतरनाक हो सकता है l चाहे एक ध्रुवीकृत(polarized) राजनितिक माहौल के कारण, क्योंकि असहमति किसी सम्बन्ध में दरार पैदा कर सकती है, या क्योंकि एक आध्यात्मिक बातचीत से आपको अपने जीवन में बदलाव की आवश्यकता का अहसास हो सकता है – ये उच्च स्तर की बातचीत की तरह महसूस हो सकते हैं l

लेकिन परमेश्वर के लोगों को दिए गए निर्देशों में, इस्राएली, व्यवस्थाविवरण की पुस्तक में, परमेश्वर के बारे में बात करना रोजमर्रा की ज़िन्दगी का एक सामान्य, स्वभाविक हिस्सा हो सकता है l परमेश्वर के लोगों को उनके शब्दों को याद करना और उन्हें उन जगहों पर प्रदर्शित करना था जहाँ वे अक्सर देखे जाते थे l व्यवस्था में कहा गया है कि अपने बच्चों के साथ जीवन के लिए परमेश्वर के निर्देशों के बारे में बात करें “घर में बैठे मार्ग पर चलते, लेटते-उठते” (11:19) l

परमेश्वर हमें बातचीत करने के लिए बुलाता है l एक मौका ले लें, आत्मा पर भरोसा करें, और अपनी छोटी सी बात को और गहरा करने की कोशिश करें l परमेश्वर हमारे समुदायों को आशीष देगा क्योंकि हम उसके शब्दों के बारे में बात करते हैं और उनका अभ्यास करते हैं l