प्राचीन कथा द बॉय एंड द फिल्बर्ट्स(नट्स)The Boy and the Filberts(Nuts) में, एक लड़का अपने हाथ बादाम के जार में डालकर मुठी भर बादाम निकालना चाहता है l लेकिन उसकी मुट्ठी इतनी भरी हुयी होती है कि वह जार में फंस जाती है l अपने इनाम का थोड़ा सा भी हिस्सा खोने के लिए तैयार नहीं होने पर, लड़का रोने लगता है l आखिरकार, उसे कुछ बादाम छोड़ने की सलाह दी जाती है कि उसका हाथ निकल जाए l लालच एक कठोर बॉस हो सकता है l  

सभोपदेशक का बुद्धिमान शिक्षक हाथों के विषय एक सबक के साथ इस नैतिकता को दर्शाता है और वह हमारे बारे में क्या कहते हैं l उसने लालची के साथ आलसी की तुलना और विषमता दिखाया जब उसने लिखा : “मुर्ख छाती पर हाथ रखे रहता, और अपना मांस खाता है l चैन के साथ एक मुट्ठी उन दो मुट्ठियों से अच्छा है, जिनके साथ परिश्रम और मन का कुढ़ना है” (4:5-6) l जबकि आलसी तब तक विलम्ब करते हैं जब तक वे बर्बाद नहीं हो जाते, जो लोग धन का पीछा करते हैं उन्हें एहसास होता है कि उनका प्रयास “व्यर्थ है – एक दुखी व्यवसाय!” (पद.8) l

शिक्षक के अनुसार, अभिलाषित अवस्था लालची लोभी के परिश्रम से अलग होकर जो वास्तव में हमारा है उसमें संतोष प्राप्त करना है l क्योंकि जो हमारा है वह सदैव बना रहेगा l जैसे यीशु ने कहा, “यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त करे और अपने प्राण की हानि उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा?