Month: दिसम्बर 2019

खूबसूरत फल

सिटी ब्लोस्सम्स(City Blossoms) के संस्थापक रेबेका लेमोस-ओटेरो सुझाव देती हैं, “बच्चों को [एक बगीचा में] कहीं भी बीज फेंकने में सक्षम होना चाहिए और फिर देखना चाहिए कि क्या उगता है l” हालाँकि यह सावधानी से बागवानी करने का नमूना नहीं है, यह उस वास्तविकता को दर्शाता है कि प्रत्येक बीज में जीवन के साथ प्रस्फुटन की क्षमता है l 2004 से, सिटी ब्लोस्सम्स ने कम आय वाले क्षेत्रों में सकूलों और पड़ोस के लिए बगीचे बनाए हैं l बच्चे पोषण के बारे में सीख रहे हैं और बागवानी के माध्यम से नौकरी कौशल प्राप्त कर रहे हैं l रेबेका कहती हैं, “शहरी क्षेत्र में एक सजीव हरा भरा स्थान होना . . . बच्चों के लिए बाहर रहकर कुछ उत्पादक और सुन्दर करने के लिए एक मार्ग बनाता है l”  

यीशु ने बीज को बिखेरने के विषय एक कहानी बतायी, जिसमें बोए गए बीज में “सौ गुणा” उत्पादन की क्षमता होती है (लूका 8:8) l वह बीज परमेश्वर का सुसमाचार था जो “अच्छी भूमि” में बोया गया था जिसके बारे में उसने बताया कि वह वे हैं “जो वचन सुनकर भले और उत्तम मन से सम्भाले रहते हैं, और धीरज से फल लाते हैं” (पद.15) l

यीशु ने कहा, “हमारे फलदायी होने का केवल एक ही तरीका है, उसके साथ जुड़े रहना (यूहन्ना 15:4) l जैसा कि हम यीशु द्वारा सिखाए गए हैं और उससे लिपटे रहते हैं, आत्मा हमारे अन्दर “प्रेम, आनंद, शांति, धीरज, कृपा, भलाई, विश्वास, नम्रता, और संयम” का उसका फल उत्पन्न करते हैं (गलातियों 5:22-23) l वह दूसरों के जीवन को स्पर्श करने के लिए हमारे द्वारा उत्पादित फल का उपयोग करता है, जो उसके बाद बदल जाते हैं और अपने स्वयं के जीवन से फल उगाते हैं l यह एक सुन्दर जीवन को बनाता है l

एक अभिकल्पित कमी

एक प्राकृतिक झरना है जो यरूशलेम शहर के पूर्व की ओर से निकलता है l प्राचीन काल में यह शहर की एकमात्र जलापूर्ति थी और दीवारों के बाहर स्थित थी l इस प्रकार यह यरूशलेम की सबसे बड़ी भेद्यता (vulnerability) का बिंदु था l खुले झरने का मतलब था कि शहर, अन्यथा अभेद्य, आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर किया जा सकता था यदि एक हमलावर झरने की दिशा बदल देता या उसे बाँध देता l

राजा हिजकिय्याह ने शहर में 1,750 फीट ठोस चट्टान के अन्दर से एक सुरंग बनवाकर, झरना को नगर के जलाशय में पहुंचाकर इस परेशानी को दूर किया (देखें 2 राजा 20:20; 2 इतिहास 32:2-4) l लेकिन इन सब में, हिजकिय्याह ने “उसके कर्ता को स्मरण नहीं किया, जिसने प्राचीनकाल से उसको ठहरा रखा था[उसकी योजना बनायी थी]” (यशायाह 22:11) l क्या योजना बनायी थी?

यरूशलेम शहर को परमेश्वर ने इस तरह “नियोजित” किया था कि उसकी पानी की आपूर्ति असुरक्षित थी l दीवार के बाहर झरना एक निरंतर ताकीद था कि शहर के निवासियों को अपने उद्धार के लिए पूरी तरह से परमेश्वर पर निर्भर होना चाहिए l

क्या यह हो सकता है कि हमारी कमियाँ हमारे भले के लिए मौजूद हों? निसंदेह, प्रेरित पौलुस ने कहा कि वह अपनी कमजोरियों में “घमण्ड” करेगा, क्योंकि इस कमजोरी के द्वारा ही यीशु की सुन्दरता और सामर्थ्य उस में दिखाई देती थी (2 कुरिन्थियों 12:9-10) l क्या तब हम प्रत्येक कमजोरी को एक उपहार के रूप में मान सकते हैं जो परमेश्वर को हमारी सामर्थ्य के रूप में प्रकट करता है?

प्रेम में धोया हुआ

दक्षिणी कैलिफोर्निया के एक छोटे से चर्च ने व्यवहारिक तरीके से परमेश्वर के प्रेम को व्यक्त करना पहचान लिया l यीशु में विश्वासियों ने एक स्थानीय धोबीघाट(laundromat) में इकठ्ठा होकर आर्थिक आवश्यकताओं में लोगों के कपड़े धोकर अपने समुदाय की मदद की l उन्होंने मिलकर कपड़े धोये और उनको तह किये, और कभी-कभी गर्म भोजन या एक थैला किराने का सामान पानेवालों को देते थे l

एक स्वयंसेवक को मालूम चला कि सबसे बड़ा ईनाम “लोगों के साथ . . . वास्तविक संपर्क में था जो उनकी कहानी सुनते थे l” यीशु के साथ उनके संबंधों के कारण, ये स्वयंसेवक प्यार भरे शब्दों और कार्यों के जरिये अपना विश्वास दर्शाना चाहते थे, जिससे उन्हें दूसरों के साथ वास्तविक संबंधों को पोषित करने में मदद मिली l

प्रेरित याकूब इस बात की पुष्टि करते हैं कि एक दावा करनेवाले विश्वासी की प्रेमपूर्ण सेवा का हर एक कार्य वास्तविक विश्वास का एक परिणाम है l वह कहता है कि “विश्वास भी, यदि कर्म सहित न हो तो अपने स्वभाव में मरा हुआ है” (याकूब 2:14-17) l घोषणा करना कि हम विश्वास करते हैं हमें परमेश्वर की संतान बनाता है, लेकिन जब हम दूसरों की सेवा करके उसकी सेवा करते हैं तब हम उन विश्वासियों के रूप में कार्य करते हैं जो भरोसा करते हैं और यीशु का अनुसरण करते हैं (पद.24) l विश्वास और सेवा शरीर और आत्मा के रूप में अन्योन्याश्रित(interdependent) हैं (पद.26), मसीह की सामर्थ्य का एक सुन्दर प्रदर्शन, जैसा कि वह हमारे अन्दर और हमारे द्वारा काम करता है l

व्यक्तिगत रूप से यह स्वीकार करने के बाद कि क्रूस पर परमेश्वर का बलिदान हमें सिद्ध प्रेम में धोता है, हम असली विश्वास में प्रत्युतर दे सकते हैं जो हमारी सेवा के तरीकों में अधिकाई से दिखाई देता है l

कभी न भुलाया गया

मेरे बच्चों द्वारा मुझे यह साबित करने के लिए कहा गया कि मैंने पियानो की मूल बातों में महारत हासिल करने में वर्षों का समय लगाया था, मैं बैठ कर सुर सी मेजर(scale C Major) बजाना आरम्भ कर दिया l मुझे दो दशकों में पियानो बजाने का मौका बहुत कब मिला, फिर भी मुझे आश्चर्य हुआ कि मुझे बजाना याद था! अपने को बहादुर महसूस करते हुए, मैं याद से एक के बाद सात भिन्न सुर बजाना आरम्भ कर दिया l मैं चकित हुयी! वर्षों के अभ्यास ने सुर और तकनीक को इतनी गहराई से मेरी ऊंगलियों के “स्मरण” में अंकित कर दिया थे कि वे तुरंत जान जातीं थी कि उन्हें क्या करना था l

कुछ बातें ऐसी होती हैं जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता है l लेकिन परमेश्वर का अपने  बच्चों के लिए प्यार हमारी किसी भी लुप्त होती याद की तुलना में कही अधिक गहराई से अंकित है – वास्तव में, परमेश्वर उन्हें भूल नहीं सकता है l यह वही है जो इस्राएलियों को सुनने की ज़रूरत थी जब निर्वासन ने उन्हें उसके द्वारा त्यागने का एहसास दिलाया था l (यशायाह 49:14) l यशायाह के द्वारा उसका प्रत्युतर ज़ाहिर था : “मैं तुझे नहीं भूल सकता” (पद.15) l अपने लोगों की देखभाल के लिए परमेश्वर का वादा अपने बच्चे के लिए एक माँ के प्यार से अधिक निश्चित था l

अपने न बदलनेवाले प्रेम के बारे में उन्हें आश्वस्त करने के लिए, उसने उन्हें अपनी प्रतिबद्धता की एक तस्वीर दी : “देख, मैंने तेरा चित्र अपने हथेलियों पर खोदकर बनाया है” (पद.16) l यह परमेश्वर की अपने बच्चों के प्रति निरंतर जागरूकता की एक सुन्दर छवि है; उनके नाम और चेहरे हमेशा उनके सामने हैं l

फिर भी आज, हम आसानी से अनदेखी और भूल महसूस कर सकते हैं l यह याद रखना कितना आरामदायक है कि हम परमेश्वर के हाथों में “उकेरे” गए हैं – हमेशा अपने पिता के द्वारा याद किये जाते हैं, देखभाल किये जाते है, और प्यार किये जाते हैं l