अब एक निपुण लेखिका, कैटलिन ने उस अवसाद का वर्णन किया, जो उसने एक प्रहार से लड़ने के बाद किया था l भावनात्मक हिंसा ने उसके शारीरिक संघर्ष की तुलना में गहरा घाव बनाया था, क्योंकि उसने महसूस किया कि यह साबित होता है कि “मैं कितनी अप्रिय थी l मैं उस प्रकार की लड़की नहीं थी जिसे आप जानना चाहते l” उसने प्यार के अयोग्य महसूस किया, उस तरह का व्यक्ति जिसे दूसरे उपयोग करते हैं और एक ओर उछाल देते हैं l

परमेश्वर समझता है l उसने प्रेम से इस्राएल की चरवाही की, लेकिन जब उसने उनसे पूछा कि उसका मूल्य कितना है, “उन्होंने मेरी मजदूरी में चाँदी के तीस टुकड़े तौल दिए” (जकर्याह 11:12) l यह एक दास की कीमत थी; यदि उसकी अचानक मृत्यु हो जाती है तो स्वामियों को कितना लौटने की ज़रूरत थी (निर्गमन 21:32) l परमेश्वर को सबसे कम संभव मूल्य की पेशकश करने के लिए अपमानित किया गया था – तब उसने [व्यंग्यात्मक ढंग] में कहा, “यह क्या ही भारी दाम है जो उन्होंने मेरा ठहराया है?” (जकर्याह 11:13) l तब उसने जकर्याह से उस धन को फेंकवा दिया l

यीशु समझता है l वह केवल अपने मित्र द्वारा धोखा नहीं दिया गया था; उसे अवमानना के साथ धोखा दिया गया था l यहूदी अगुओं ने मसीह का तिरस्कार किया, इसलिए उन्होंने यहूदा को चाँदी के तीस टुकड़े दिए  – सबसे कम कीमत जो आप एक व्यक्ति पर लगा सकते हैं – और वह उसे ले गया (मत्ती 26:14-15; 27:9) l यहूदा ने यीशु के बारे में बहुत कम सोच था, उसने उसे लगभग कुछ भी नहीं में बेचा l