द कॉल ऑफ़ सर्विस(The Call of Service) पुस्तक में, लेखक रोबर्ट कोल्स, सेवा करने के हमारे कारणों की खोज करते हुए, एक वृद्ध महिला की दूसरों के लिए सेवा की मार्मिक कहानी बताते हैं l एक बस ड्राईवर के रूप में, उसने उन बच्चों की ओर बहुत ध्यान दिया, जिन्हें वह हर दिन स्कूल ले जाती थी – उन्हें होमवर्क पर क्विज करवाना और उनकी सफलताओं का जश्न मनाता l “मैं इन बच्चों को जीवन में सफल होते देखना चाहती हूँ,” उसने अपने प्रेरणा के बारे में कहा l लेकिन एक और कारण भी था l

एक युवा के रूप में, एक आंटी के शब्दों ने इस महिला को अन्दर तक झकझोर दिया था l उन्होंने कोल्स से कहा, “वह हमसे कहने वाली थी कि हमें कुछ ऐसा करना था जिसे परमेश्वर देख सकेगा, या फिर हम बड़े फेरबदल में खो जाएँगे!” फैसले की “बड़े फेरबदल” के बाद नरक की सम्भावना पर चिंतित, इस महिला ने “’परमेश्वर का ध्यान पाने” के लिए तरीके बनाए थे – चर्च जाना ताकि “वह मुझे निष्ठावान देखेगा” और दूसरों की सेवा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हुए ताकि परमेश्वर ”जो मैं कर रही थी उसे दूसरों से सुन लेगा l”

मुझे उसकी बातें पढ़कर दुःख हुआ l कैसे इस प्रिय महिला को यह कभी नहीं पता था कि उसे पहले से ही परमेश्वर का ध्यान था? (मत्ती 10:30) l उसने यह कैसे नहीं सुना कि यीशु ने हमारे लिए बड़े फेरबदल का ध्यान रखा, हमेशा के लिए न्याय से आजादी की पेशकश की (रोमियों 8:1)? वह किसे चूक गयी थी कि माक्ष अच्छे कर्मों के साथ नहीं खरीदा जा सकता है, लेकिन जो विश्वास करता है यह उपहार उसके लिए है? (इफिसियों 2:8-9) l

यीशु का जीवन, मृत्यु और पुनरुत्थान हमारे भविष्य को परमेश्वर के साथ संभालते हैं और आनंद के साथ दूसरों की सेवा करने के लिए स्वतंत्र करते हैं l