लन्दन के बी बी सी में, पॉल आर्नोल्ड की पहली प्रसारण नौकरी रेडियो नाटकों में “चलने की आवाज़” लानी थी l जब अभिनेता चलने वाले किसी दृश्य के दौरान आलेख(script) से पढ़ते थे, तो स्टेज मेनेजर के रूप में पॉल अपने पैरों से उसके अनुकूल आवाज़े निकालते थे – सावधानीपूर्वक अभिनेता की आवाज़ और बोली जानेवाली पंक्तियों के साथ अपनी गति को मिलाकर l उन्होंने समझाया, “कहानी में प्रमुख चुनौती अभिनेता के अधीन होना था, इस तरह से हम दोनों एक साथ काम करते थे l”

इस तरह का एक दिव्य संस्करण भजन 119 के लेखक द्वारा तलाशा गया था, जो परमेश्वर के वचन के उपदेशों द्वारा जीने पर बल देता है l जैसा कि भजन 119:1 कहता है, “क्या ही धन्य हैं वे जो चाल के खरे हैं, और यहोवा की व्यवस्था पर चलते हैं!” इस तरह परमेश्वर द्वारा मार्गदर्शित और उसके निर्देशों का अनुसरण करने से, हम शुद्ध रहते हैं (पद.9), नफरत पर जय पाते हैं (पद.23), और लालच से बचते हैं (पद.36) l वह हमें पाप का सामना करने की योग्यता (पद.61), परमेश्वर का भय मानने वाले मित्र (पद.63), और आनंद से जीने की योग्यता देगा (पद.111) l

धर्मविज्ञानी चार्ल्स ब्रिजेस ने पद.133 पर टिपण्णी की : “जब मैं इसलिए संसार में एक कदम रखता हूँ, तो मुझे पूछने दीजिए – क्या यह परमेश्वर के वचन में सुव्यवस्थित है, जो मसीह को मेरे सिद्ध नमूना के रूप में प्रदर्शित करता है?”

इस तरह चलते हुए, हम यीशु को संसार को दिखाते हैं l काश वह हमें उसके साथ इतनी निकटता से चलने में हमारी करे कि लोग हमारे जीवनों में हमारे अगुआ, मित्र और उद्धारकर्ता की झलक देखें!