“कोलकाता और अन्य स्थानों के कुछ मौसम के प्रति उत्साही लोगों के लिए “चक्रवात का पीछा करना” एक शौक है, वे तूफानों के नमूनों को समझने और बिजली की चमक की फोटो खींचने और उसके बाद परिणामों को समझने के लिए इनका अध्ययन करना चाहते हैं l जबकि हम में से अधिकाँश संभावित घातक मौसम के बीच खुद को डालने से बचते हैं, इनमें से कुछ अनुसरणकर्ताओं(aficionados) ने विभिन्न शहरों में इन चक्रवातों का पीछा करने और पीछा करने के लिए सोशल मिडिया के माध्यम से अमुह बनाए हैं l 

मेरे अनुभव में, हालाँकि, मुझे जीवन में तूफानों का पीछा करने की ज़रूरत नहीं है – वे मेरा पीछा करते हुए लगते हैं l यह अनुभव भजन 107 में दिखाई देता है जब वह तूफ़ान में फंसे नाविकों का वर्णन करता है l उनके अपने ही गलत निर्णयों के परिणाम उनका पीछा कर रहे थे लेकिन भजनकार कहता है, “वे संकट में यहोवा की दोहाई देते हैं, और वह उनको सकेती से निकालता है l वह आंधी को शांत कर देता है और तरंगें बैठ जाती हैं l तब वे उनके बैठने से आनंदित होते हैं, और वह उनको मन चाहे बंदरगाह में पहुँचा देता है” (भजन 107:28-30) l  

चाहे जीवन के तूफ़ान हमारे स्वयं के हों या टूटे हुए संसार में रहने के परिणामस्वरूप, हमारे पिता इनसे अधिक महान है l जब तूफान हमारा पीछा कर रहे हैं, तो वह अकेले उन्हें शांत करने में सक्षम है – या हमारे भीतर के तूफ़ान को शांत करने के लिए l