“दिस चाइल्ड इज़ बिलवेड(This Child Is Beloved)” शीर्षक कविता में, एक अफ़्रीकी पास्टर अपने माता-पिता द्वारा अपने गर्भावस्था को समाप्त करने के प्रयासों के बारे में लिखा है, जिसके परिणामस्वरूप उनका जन्म हुआ l कई असामान्य घटनाओं के बाद, जिसने उन्हें गर्भपात करने से रोका, उन्होंने इसके बजाय अपने बच्चे का स्वागत करने का फैसला किया l परमेश्वर के उनके जीवन के संरक्षण के ज्ञान ने ओमाउमी को पूर्णकालिक सेवा के पक्ष में एक आकर्षक जीविका छोड़ने के लिए प्रेरित किया l आज, वह विश्वासपूर्वक लन्दन के एक चर्च के पास्टरीय सेवा करते हैं l
इस पास्टर की तरह, इस्राएलियों ने अपने इतिहास में एक अतिसंवेदनशील समय में परमेश्वर के हस्तक्षेप का अनुभव किया l जंगल में यात्रा करते हुए, वे मोआब के राजा बालाक के नज़र में आ गए l उनकी विजय और उनकी विशाल जनसंख्या से भयभीत, बालाक ने सीधे-सादे यात्रियों (गिनती 22:2-6) पर एक अभिशाप लगाने के लिए बालाम नामक एक दृष्टा/नबी को लगा दिया l
लेकिन कुछ आश्चर्यजनक हुआ l जब भी बालाम ने शाप देने के लिए अपना मुँह खोला, उसके बदले आशीष निकली l “देख, आशीर्वाद ही देने की आज्ञा मैं ने पायी है : वह आशीष दे चुका है, और मैं उसे नहीं पलट सकता,” उसने घोषणा की l “उसने याकूब में अनर्थ नहीं पाया; और न इस्राएल में अन्याय देखा है l उसका परमेश्वर यहोवा उसके संग है . . . उनको मिस्र में से ईश्वर ही निकाले लिए आ रहा है” (गिनती 23:20-22) l परमेश्वर ने इस्राएलियों को एक ऐसी लड़ाई से बचाया, जो उन्हें पता भी नहीं था कि वह क्रोधित था!
चाहे हम इसे देखें या न देखें, परमेश्वर आज भी अपने लोगों की देखभाल करता है l हम कृतज्ञता और भय में उसकी उपासना करें जो हमें धन्य कहता है l
आप कितनी बार परमेश्वर की कृपा पर जो आपके ऊपर है विचार करना बंद कर देते हैं? वह ज्ञान कि वह आपको अनदेखे खतरों से बचाता है आपके लिए क्या मायने रखता है?