इससे पहले कि मैं यीशु में विश्वास करती, मैं सुसमाचार का प्रचार सुनी थी लेकिन मुझे उसकी पहचान के साथ जूझना पड़ा l जब बाइबल कहती है कि केवल परमेश्वर ही पापों को क्षमा कर सकता है तो वह[यीशु] मेरे पापों के लिए क्षमा कैसे प्रदान कर सकता है? जे. आई. पैकर की पुस्तक नोइंग गॉड(knowing God) पढ़ने के बाद मुझे पता चला कि मैं अपने संघर्षों में अकेली नहीं थी l पैकर का सुझाव है कि कई अविश्वासियों के लिए “वास्तव में चौंका देनेवाला मसीही दावा है कि नासरत का यीशु परमेश्वर था जो मनुष्य बना . . . और वास्तव में और पूरी तरह दिव्य था जैसे वह मनुष्य था l” फिर भी यह ही सच है जो उद्धार को संभव बनाता है l 

जब प्रेरित पौलुस मसीह को “अदृश्य परमेश्वर का प्रतिरूप” में संदर्भित करता है, तो वह कहता है कि यीश पूरी तरह से और सिद्धता से परमेश्वर है – स्वर्ग और पृथ्वी में सभी चीजों का सृष्टिकर्ता और थामनेवाला – लेकिन पूरी तौर से मानव भी (कुलुस्सियों 1:15-17) l इस सच्चाई के कारण, हम आश्वास्त हो सकते हैं कि मसीह की मृत्यु और पुनरुत्थान के द्वारा, उसने न केवल हमारे पापों का दण्ड ही नहीं उठाया है, बल्कि मानव स्वभाव को भी पापों से मुक्त किया है, ताकि हम – और समस्त सृष्टि का – परमेश्वर के साथ सामंजस्य स्थापित हो सके (पद.20-22) l 

प्रेम के अद्भुत, प्रारंभिक कार्य में, परमेश्वर पिता स्वयं को पवित्र शास्त्र में और पवित्रशास्त्र के द्वारा परमेश्वर और पवित्र आत्मा की सामर्थ्य से और परमेश्वर पुत्र के जीवन के द्वारा  प्रगट करता है l जो यीशु पर विश्वास करते हैं वे बच जाते हैं क्योंकि वह इम्मानुएल हैं – परमेश्वर हमारे साथ l हल्लेल्युयाह!