कभी-कभी जब मेरा कुत्ता ध्यान चाहता है, वह मेरा कुछ लेकर मेरे सामने दिखावा करेगा l एक सुबह जब मैं अपनी पीठ पीछे करके डेस्क पर लिख रहा था, मैक्स मेरा बटुआ छीन कर भाग गया l यह महसूस करते हुए कि मैंने उसे ऐसा करते हुए नहीं देखा था, उसने लौटकर मुझे अपने नाक से ठोकर मारा – बटुआ उसके मुँह में था, आँखें नाँच रही थी, पूंछ हिल रही थी, और वह मुझे अपने साथ खेलने के लिए आकर्षित कर रहा था l 

मैक्स की हरकतों ने मुझे हँसाया, लेकिन उसने मुझे अपनी सीमाओं की भी याद दिलाई, जब यह दूसरों के प्रति चौकस रहने की बात होती है l अक्सर मैं परिवार या दोस्तों के साथ समय बिताना चाहता हूँ, लेकिन अन्य चीजें मेरे समय और जागरूकता पर कब्ज़ा कर लेती है; और इससे पहले कि मैं जानु दिन बीत जाता है और प्यार अधूरा रह जाता है l

यह जानकार कितना सुकून मिलता है कि हमारा स्वर्गिक पिता इतना महान है कि वह सबसे अन्तरंग तरीके से हम में से हर एक का ध्यान रखने में सक्षम हैं – यहाँ तक कि हमारे जीवित रहने तक, हमारे फेफड़ों में हर साँस को बनाए रखता है l वह अपने लोगों से वादा करता है, “तुम्हारे बुढ़ापे में भी मैं वैसा ही बना रहूँगा और तुम्हारे बाल पकने के समय तक तुम्हें उठाए रहूँगा l मैं ने तुम्हें बनाया और तुम्हें लिए फिरता रहूँगा; मैं तुम्हें उठाए रहूँगा और छुड़ाता रहूँगा” (यशायाह 46:4) l 

परमेश्वर के पास सर्वदा हमारे लिए समय होता है l वह हमारी परिस्थितियों के हर विवरण को समझता है – चाहे वह कितना भी जटिल या कठिन क्यों न हो – और जब भी हम प्रार्थना में उसे बुलाते हैं, वह वहाँ मौजूद होता है l हमें अपने उद्धारकर्ता के असीमित प्रेम के लिए कभी भी पंक्ति में उसकी प्रतीक्षा नहीं करनी होगी l