बार्ट मिल्लार्ड ने 2001 में एक अत्यंत लोकप्रिय गीत लिखा, “आई कैन ओन्ली इमेजिन(I Can Only Imagine) l” यह गीत मसीह की उपस्थिति में कितना अद्भुत होगा को चित्रित करता है l मिल्लार्ड के गीतों ने हमारे परिवार को अगले वर्ष यह दिलासा दिया जब हमारी सत्रह वर्षीय बेटी मेलिसा की कार दुर्घटना में मृत्यु हो गयी और हमने कल्पना की कि उसके लिए परमेश्वर की उपस्थिति में होना यह कैसा था l 

लेकिन कल्पना कीजिये(imagine) ने मेल(Mell) की मृत्यु के बाद के दिनों में मुझसे एक भिन्न तरीके से बात की l जब मेलिसा के मित्रों के पिता लोगों ने चिंता और दर्द से पूर्ण, मुझसे संपर्क किया, उन्होंने कहा, “मैं कल्पना नहीं कर सकता कि आपके ऊपर क्या बीत रही है l”

उनके भाव सहायक थे, यह दिखाते हुए कि वे हमारे नुक्सान के साथ सहानुभूति के साथ जूझ रहे थे – यह अकल्पनीय लग रहा था l 

दाऊद ने बड़े नुक्सान की गहराई को इंगित किया जब उसने “घोर अन्धकार से भरी हुई घाटी” में से चलने का वर्णन किया (भजन 23:4) l किसी प्रियजन की मृत्यु निश्चित रूप से ऐसी है, और हमें कभी-कभी यह पता नहीं होता है कि हम अँधेरे को कैसे पार करेंगे l हम कभी भी दूसरी तरफ जाने की कल्पना नहीं कर सकते l 

लेकिन जैसा कि परमेश्वर ने हमारे साथ हमारी सबसे अँधेरी घाटी में रहने का वादा किया है, वह हमें यह आश्वासन देकर भविष्य के लिए बहुत आशा प्रदान करता है कि घाटी से परे हम उसकी उपस्थिति में होंगे l एक विश्वासी के लिए, “देह से अलग” होने का मतलब है उसके साथ मौजूद होना (2 कुरिन्थियों 5:8) l जैसा कि हम अपने भविष्य में उससे और दूसरों से पुनर्मिलन की कल्पना करते हैं, उससे हमें अकल्पनीय में चलने में सहायता मिलती है l