उसने फोन किया था l उसने टेक्स्ट किया था l अब चांदनी अपने भाई के घर के फाटक के बाहर खड़ी थी, और उस पार उत्तर पाने में विफल थी l अवसाद से बोझिल और नशे की लत से जूझते हुए, उसके भाई ने खुद को अपने घर में छिपा लिया था l उसके अलगाव को बेधने की एक असफल कोशिश में, चांदनी ने अपने कई पसंदीदा खाद्य पदार्थों को इकठ्ठा करने के साथ-साथ पवित्र शास्त्र के प्रोत्साहित करनेवाले वचन लेकर गठरी को फाटक से नीचे उतारने की कोशिश की l 

लेकिन जैसे ही गठरी उसके हाथ से छूटी, वह फाटक के एक कील में लगकर चिर गयी, जिससे एक छेद हो गया और उसमें की सब वस्तुएं नीचे बजरी पर गिर गयीं l उसके अच्छे उद्देश्य, और प्रेम से पूर्ण भेंट मानो बर्बाद हो गयी l क्या कभी उसका भाई उसके उपहार पर ध्यान देगा? जो आशा का उद्देश्य उसके मन में था क्या वह पूरा होगा? उसकी चंगाई का इंतज़ार करते हुए वह केवल आशा कर सकती है और प्रार्थना कर सकती है l 

परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा – सार-रूप में – उसने हमारे पाप की दीवार पर अपने इकलौते पुत्र को उतारा, उससे दूर चले गए संसार के लिए प्रेम और चंगाई का तोहफा दिया (यूहन्ना 3:16) l यशायाह नबी ने यशायाह 53:5 में प्रेम के इस कार्य की लागत की भविष्वाणी की l यही पुत्र “हमारे ही अपराधों के कारण घायल” किया जाएगा और “हमारे अधर्म के कामों के कारण कुचला” जाएगा l आखिरकार चंगाई की आशा उसके घाव से आएगी l उसने अपने ऊपर “हम सभों के अधर्म का बोझ” उठा लिया (पद.6) l 

हमारे पाप और ज़रूरतों के लिए बेधा गया, परमेश्वर का उपहार यीशु आज हमारे दिनों में ताज़गी और सामर्थ्य के साथ प्रवेश करता है l उसका उपहार आपके लिए क्या मायने रखता है?