अर्नेस्ट शेकलटन (1874-1922) ने 1914 में अंटार्टिका को पार करने के लिए एक असफल अभियान का नेतृत्व किया l जब उनका जहाज, जिसे अंत में एंड्यूरेन्स (Endurance) अर्थात् धीरज नाम दिया गया था, वेडेल सागर में भारी बर्फ में फंस गया, यह जीवित रहने के लिए धीरज की एक दौड़ बन गया l दुनिया के बाकी हिस्सों के साथ संवाद करने का कोई साधन नहीं होने के कारण, शेकलटन और उनके दल ने निकटतम तट – एलेफेंट द्वीप – तक यात्रा करने के लिए जीवनरक्षक नौकाओं का उपयोग किया l जबकि अधिकांश चालक दल द्वीप पर पीछे रह गए, शेकलटन और चालाक दल के पांच लोगों ने द्वीप पर छूटे हुए लोगों के लिए मदद पाने के लिए दो सप्ताह तक दक्षिण जॉर्जिया की ओर 800 मील की समुद्री यात्रा की l “असफल” अभियान इतिहास की पुस्तकों में एक विजयी प्रविष्टि बन गया जब शेकलटन के सभी लोग अपने साहस और धीरज की बदौलत बच गए l 

प्रेरित पौलुस जानता था कि इसका क्या अर्थ है l रोम में एक तूफानी समुद्री यात्रा के दौरान यीशु में अपने विश्वास के लिए जांच का सामना करने के लिए, पौलुस ने परमेश्वर के एक दूत से जाना कि जहाज डूब जाएगा l लिकिन प्रेरित ने जहाज पर सभी लोगों को उत्साहित किया, परमेश्वर की प्रतिज्ञा के लिए धन्यवाद कि जहाज की हानि के बावजूद, सभी लोग बच जाएंगे (प्रेरितों 27:23-24) l 

जब आपदा आती है, तो हम चाहते हैं कि परमेश्वर तुरंत सब कुछ बेहतर के दे l लेकिन परमेश्वर हमें सहने और बढ़ने का विश्वास देता है l जैसा कि पौलुस ने रोमियों को लिखा, “क्लेश से धीरज उत्पन्न [होता है]” (रोमियों 5:3) l यह जानते हुए कि, हम कठिन समय में परमेश्वर पर भरोसा रखने के लिए एक-दूसरे को उत्साहित कर सकते हैं l