हमारे कॉलेज गायन समूह के अगुआ ने समूह का निर्देशन किया और उसी समय पियानो पर हमारा साथ देते हुए, कुशलता से उन जिम्मेदारियों को संतुलित किया l एक संगीत कार्यक्रम के समापन पर, वह ख़ास तौर से थके हुए लग रहे थे, इसलिए मैंने उनसे पूछा कि क्या वह ठीक थे l उन्होंने जवाब दिया, “मुझे पहले कभी ऐसा नहीं करना पड़ा l” फिर उन्होंने समझाया l “पियानो धुन से इतना बाहर था कि मुझे पूरे संगीत समारोह में दो अलग-अलग स्वरतान में बजाना पड़ा – मेरा बांया हाथ एक सुर बजा रहा था और दूसरा मेरा दाहिना हाथ!” उसके द्वारा दिखाया गया कौशल चौंकानेवाला था, जिससे मैं अति उत्साहित हुआ, और मैं उस व्यक्तित्व से चकित हुआ जो इंसानों को इस तरह की चीजों के लिए सक्षम बनाता है l 

राजा दाऊद ने आश्चर्य का एक और बड़ा भाव व्यक्त किया जब उसने लिखा, “मैं तेरा धन्यवाद करूँगा, इसलिए कि मैं भयानक और अद्भुत रीति से रचा गया हूँ . . . और मैं इसे भलीभांति जानता हूँ” (भजन 139:14) l चाहे लोगों की क्षमताओं में या प्रकृति के चमत्कारों में, सृजन के चमत्कार हमारे सृष्टिकर्ता की महिमा की ओर इशारा करते हैं l 

एक दिन, जब हम परमेश्वर की उपस्थिति में होंगे, हर पीढ़ी के लोग इन शब्दों के साथ उसकी उपासना करेंगे, “हे हमारे प्रभु और परमेश्वर, तू ही महिमा और आदर और सामर्थ्य के योग्य है; क्योंकि तू ही ने सब वस्तुएं सृजीं और वे तेरी ही इच्छा से थीं और सृजी गयीं” (प्रकाशितवाक्य 4:11) l परमेश्वर ने हमें जो अद्भुत कौशल दिया है और जो महान सुन्दरता परमेश्वर ने बनायी है वह उसकी उपासना करने का पर्याप्त कारण है l