सुन्दोकू(Tsundoku) l एक जापानी शब्द, जो एक पलंग के निकट मेज़ पर पुस्तकों के ढेर को संदर्भित करता है जो पढ़ने के लिए इंतज़ार कर रहा है l पुस्तकें सीखने या किसी दूसरे समय या स्थान पर भागने की क्षमता प्रदान करती हैं, और मैं उन पृष्ठों के भीतर मिलने वाली प्रसन्नता और अंतर्दृष्टि के लिए अत्यधिक लालसा रखता हूँ l इस प्रकार, ढेर पड़ा रहता है l 

यह विचार कि हम पुस्तक में आनंद और मदद पा सकते हैं, पुस्तकों की पुस्तक के लिए और भी सही है – बाइबल l मैं इस्राएल के नव नियुक्त अगुआ यहोशू को पवित्रशास्त्र में परमेश्वर के निर्देशों में अपने आप को तल्लीन करने के लिए प्रोत्साहित देखता हूँ, जिसे इस्राएलियों को दिए गए प्रतिज्ञात देश में ले जाने के लिए नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किया गया था (यहोशू 1:8) l 

आगे की कठिनाई को जानकार, परमेश्वर ने यहोशू को आश्वासन दिया, “मैं . . . तेरे संग . . . रहूँगा” (पद.5) l परमेश्वर की सहायता मुख्य रूप से यहोशु द्वारा परमेश्वर की आज्ञाओं को मानने के द्वारा आएगी l इसलिए परमेश्वर ने उसे निर्देश दिया कि “व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना . . . जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी [करना]” (पद.8) l हालाँकि यहोशू के पास व्यवस्था की पुस्तक थी, फिर भी उसे नियमित रूप से यह जानने और समझने की ज़रूरत थी कि परमेश्वर और उसके लोगों के लिए उसकी इच्छा क्या है l 

क्या आपको अपने दिन के लिए निर्देश, सच्चाई या प्रोत्साहन की ज़रूरत है? जब हम पवित्रशास्त्र को पढ़ने, पालन करने, और पोषण प्राप्त करने के लिए समय निकलते हैं, तो हम इसके पृष्ठों में निहित सभी का स्वाद चख सकते हैं (2 तीमुथियुस 3:16) l