बारह वर्षों से, प्रतिदिन एक सामुद्रिक चिड़िया (seagull) एक व्यक्ति के पास आती रही है जिसने उसके एक टूटे हुए पैर को ठीक करने में उसकी सहायता की l जॉन ने कुत्ते के बिस्कुट के साथ उस चिड़िया को अपनी ओर आने के लिए लुभाया और फिर उसे स्वस्थ करने में मदद की l यद्यपि यह पक्षी केवल गर्मियों में इस छोटे से समुद्र तट शहर में उड़कर आता है, वह और जॉन बहुत सरलता से एक दूसरे को ढूँढ लेते हैं – वह पक्षी हर दिन समुद्र तट पर सीधे उसके पास आता है, यद्यपि वह किसी अन्य व्यक्ति के पास नहीं जाता l यह सुनिश्चित है कि यह एक असामान्य सम्बन्ध है l 

इस पक्षी और जॉन के बीच यह अनोखा बंधन मुझे एक मनुष्य और पक्षी के बीच एक और असामान्य सम्बन्ध की याद दिलाता है l जब परमेश्वर के नबियों में से एक, एलिय्याह को अकाल के समय में, “करीत नाले में” छिपने के लिए जंगले में भेजा गया था, तो परमेश्वर ने कहा कि उसे नाले में का पानी पीना होगा और वह कौवों को उसके लिए भोजन का प्रबंध करने के लिए भेजेगा (1 राजा 17:3-4) l कठिन परिस्थितियों और परिवेश के बावजूद, एलिय्याह की भोजन और पानी की ज़रूरतें पूरी होंगी l कौवे खान-पान का प्रबंध करनेवाले नहीं हो सकते थे – स्वाभाविक रूप से खुद अनुचित भोजन खानेवाले – फिर भी वे एलिय्याह के लिए पोष्टिक भोजन लाते थे l 

शायद यह हमें आश्चर्यचकित नहीं भी करे कि एक आदमी एक पक्षी की मदद करेगा, लेकिन जब पक्षी एक आदमी के लिए “सबेरे और सांझ को . . . उसके पास रोटी और मांस” (पद.6) लेकर आएं तो इसकी व्याख्या केवल परमेश्वर की सामर्थ्य और देखभाल से ही हो सकती है (पद.6) l एलिय्याह की तरह, हम भी अपने लिए ऊसके प्रबंध पर भरोसा कर सकते हैं l