लैंप एक उत्कृष्ट सौदा था, और यह मेरे घर के कार्यालय के लिए एकदम सही लग रहा था – सही रंग, आकार और कीमत l हालाँकि, घर पहुँचकर, जब मैंने प्लग लगाया, कुछ भी नहीं हुआ l कोई रोशनी नहीं l कोई पावर नहीं l कुछ भी तो नहीं!

कोई बात नहीं, मेरे पति ने मुझे आश्वस्त किया l “मैं उसे ठीक कर सकता हूँ l आसान है l” जब उसने लैंप को खोला, उन्हें तुरंत परेशानी दिखाई दी l प्लग किसी से भी जुड़ा नहीं था l बिजली के श्रोत के लिए तारों के बिना, “सही” सुन्दर लैंप बेकार था l 

हमारे लिए भी यही सच है l यीशु ने अपने शिष्यों को बताया l “मैं दाखलता हूँ : तुम डालियाँ हो l जो मुझ में बना रहता है और मैं उसमें, वह बहुत फल फलता है l” लेकिन उसने यह ताकीद जोड़ दी l “मुझ से अलग होकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते” (यूहन्ना 15:5) l 

यह शिक्षा एक दाख उगाने वाले क्षेत्र में दिया गया था, इसलिए उसके शिष्यों ने इसे आसानी से समझा l दाखलता मजबूत पौधे हैं, और उनकी डालियाँ छंटाई को सहन करती हैं l अपने जीवन श्रोत से कटने पर, हालाँकि, डालियाँ व्यर्थ मृत लकड़ी हो जाती हैं l ऐसा ही हमारे साथ भी है l 

जब हम यीशु में बने रहते हैं और उसके शब्दों को हमारे अन्दर रहने देते हैं, तो हम अपने जीवन के श्रोत – स्वयं मसीह – से जुड़ जाते हैं l “यीशु ने कहा, “मेरे पिता की महिमा इसी से होती है कि तुम बहुत सा फल लाओ, तब ही तुम मेरे चेले ठहरोगे” (पद.8) l हालाँकि, इस तरह के फलदायक परिणाम को दैनिक पोषण की ज़रूरत होती है l स्वतंत्र रूप से, परमेश्वर इसे पवित्रशास्त्र और अपने प्रेम के द्वारा प्रदान करता है l तो प्लग करें और रस को बहने दें!