सैम्युएल और उसके परिवार के पास “खुली बाहें और खुला घर” वाला दर्शन है। उसका कहना है कि उसके घर में हमेशा लोगों का स्वागत है, “विशेषकर जो लोग परेशानी में हैं।” लाइबीरिया में अपने नौ भाई बहनों के साथ उसके पास इसी प्रकार का घर था जहां उसका पालन पोषण हुआ था। उसके माता-पिता ने हमेशा अपने परिवार में दूसरों का स्वागत किया। वह कहता है, “हम एक समुदाय के रूप में बड़े हुए हैं। हम एक दूसरे से प्यार करते थे। सभी लोग सभी के लिए जिम्मेदार थे। मेरे पिता ने हमें एक दूसरे से प्यार करना, एक दूसरे की देखभाल करना, एक दूसरे की सुरक्षा करना सिखाया।”
जब राजा दाऊद ज़रूरत में था, तब उसने परमेश्वर में इसी प्रकार की देखभाल को प्राप्त किया। 2 शमूएल 22 (और भजन 18) उन्हीं तरीकों के लिए परमेश्वर के लिए अपनी प्रशंसा के गीत रिकॉर्ड करता है जैसे वह उसके सम्पूर्ण जीवन में उसका शरणस्थान रहा था। उसने याद किया, “अपने संकट में मैं ने यहोवा को पुकारा, और अपने परमेश्वर के सम्मुख चिल्लाया। उसने मेरी बात को अपने मंदिर में से सुन लिया, और मेरी दोहाई उसके कानों में पहुँची” (2 शमूएल 22:7) l परमेश्वर ने अनेक बार, उसे राजा शाऊल समेत, उसके शत्रुओं से छुड़ाया था। उसने परमेश्वर को उसका गढ़ और छुटकारा देनेवाला होने के लिए उसकी प्रशंसा की जिसमें उसने शरण लिया था (पद.2-3) l   
जबकि हमारी परेशानियां दाऊद की तुलना में छोटी हो सकती हैं, परमेश्वर चाहता है कि हम उसकी ओर दौड़ कर उस आश्रय को प्राप्त करें जिसकी हम इच्छा करते हैं l उसकी बाहें हमेशा खुली हैं l इसलिए हम “[तेरे] नाम का भजन [गाते हैं]” (पद.50) l