Month: जुलाई 2020

दयालुता का आदमी

निराश और अधिक सार्थक जीवन चाहते हुए, लिओन ने वित्त(finance) में अपनी नौकरी छोड़ दी l फिर एक दिन उसने एक बेघर आदमी को एक गली के कोने पर इस चिन्ह को पकडे हुए देखा : “दयालुता सबसे अच्छी औषधि है(KINDNESS IS THE BEST MEDICINE) l” लियोन कहते हैं, “वे शब्द सीधे मेरे अन्दर धुस गए l” यह एक दिव्य प्रकाशन था l

लियोन ने दयालुता को बढ़ावा देने के लिए एक अन्तराष्ट्रीय संगठन बनाकर अपना नया जीवन शुरू करने का फैसला किया l वह दुनिया भर में यात्रा करता है, अजनबियों पर भरोसा करते हुए उन्हें भोजन, गैस और रहने के लिए जगह का प्रबंध करता है l फिर वह अपने संगठन के माध्यम से उन्हें पुरस्कार देता है, अच्छे कार्यों जैसे कि अनाथ बच्चों को खिलाने के लिए या सुविधा से वंचित स्कूल में निर्माण करने के लिए l वे कहते हैं, “यह कभी-कभी नरमदिल होना दिखाई देता है l लेकिन दया एक गंभीर ताकत है l”

परमेश्वर के रूप में मसीह भलाई, इसलिए दया स्वभाविक रूप से उससे बहती है l जब यीशु ने एक विधवा के इकलौते बेटे के अंतिम संस्कार के जुलुस में जो किया (लूका 7:11-17) वह  कहानी मुझे बहुत पसंद है l दुखी महिला आर्थिक सहायता के लिए संभवतः अपने बेटे पर निर्भर थी l हम उस कहानी में नहीं पढ़ते कि किसी ने यीशु को हस्तक्षेप करने के लिए कहा था l विशुद्ध रूप से अपने स्वभाव की भलाई से (पद.13), वह चिंतित हुआ और उसके बेटे को पुनः जीवन दान दिया l लोगों ने मसीह के बारे में कहा, “परमेश्वर ने अपने लोगों पर कृपादृष्टि की है” (पद.16) l

केवल एक चिंगारी

“हम पुस्तकालय में हैं, और ठीक बाहर लपटों को देख सकते हैं!” वह डर गयी थी l हम इसे उसकी आवाज़ में सुन सकते थे l हम उसकी आवाज़ पहचानते हैं - हमारी बेटी की आवाज़ l इसके साथ ही हम जानते थे कि उसका कॉलेज परिसर उसके और उसके लगभग 3,000 साथी विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित जगह थी l 2018 में कॉलेज परिसर में किसी की अपेक्षा से कहीं अधिक तेजी से आग फ़ैल गयी – जिसमें अग्नि शामकों की अपेक्षा सबसे कम थी  l अमरीका में इस स्थान में रिकॉर्ड गर्मी और शुष्क परिस्थितियों के साथ निसंदेह छोटी चिंगारियाँ ही थीं जिन्होंने अंततः 97,000 एकड़ को जला डाला, 1,600 से अधिक भवनों को नष्ट कर डाला और जिससे तीन लोगों की मृत्यु हुई l आग के बुझा दिए जाने के बाद ली गयी तस्वीरों में सामान्य हरे-भरे तट चंद्रमा की बंजर सतह सी दिखाई दे रही थी l

याकूब की पुस्तक में, लेखक ने कुछ छोटी लेकिन शक्तिशाली चीजों का नाम लिया है : “घोड़ों के मुँह में लगाम(bit)” और जहाज़ के पतवार(rudder) (3:3-4) l और जब कि परिचित, ये उदाहरण कुछ हद तक हमसे दूर हो गए हैं l लेकिन फिर वह घर के करीब एक नाम लेता है, कुछ छोटी वस्तु जो हर इंसान के पास होती है – एक जीभ l और जब यह अध्याय प्राथमिक  रूप से शिक्षकों को निर्देशित किया जाता है (पद.1), तो इसका लागू किया जाना जल्दी से हम में से प्रत्येक तक विस्तारित होता है l जीभ, जैसा कि छोटा है, विनाशकारी परिणाम पैदा कर सकता है l

हमारी छोटी जीभें शक्तिशाली हैं, परन्तु हमारा बड़ा परमेश्वर अधिक शक्तिशाली है l दैनिक आधार पर उसकी सहायता हमारे शब्दों को रोकने और निर्देशित करने की शक्ति प्रदान करती है l

बोलनेवाले केले

कभी हार न मानें l किसी के मुस्कुराने का कारण बनें l आप कमाल के हैं l यह नहीं कि आप कहाँ से हैं – आप जहां जा रहे हैं महत्वपूर्ण है l अमेरिका के एक स्कूल में कुछ स्कूली बच्चों ने अपने भोजनालय में इन संदेशों के साथ और संदेशों को केलों पर लिखा हुआ पाया l कैंटीन का प्रबंधक जिसका नाम स्टेसी था, ने फल पर इन उत्साहजनक नोट्स लिखने के लिए समय लिया, जिसे बच्चों ने “बोलनेवाले केले” करार दिया l

यह परवाह करने वाली पहुँच प्राचीन शहर अन्ताकिया में “आध्यात्मिक युवाओं” के लिए बरनबास का हृदय याद दिलाता है (प्रेरितों 11:22-24) l बरनबास लोगों को प्रेरित करने की अपनी क्षमता के लिए प्रसिद्ध था l एक अच्छे इंसान के रूप में जाना जाने वाला, विश्वास और पवित्र आत्मा से भरा हुआ, उसने नए विश्वासियों को “तन मन लगाकर प्रभु से लिपटे” रहने के लिए प्रेरित किया” (पद.23) l मुझे लगता है कि वह उन लोगों के साथ समय बिताया जिनकी वह मदद करना चाहता था, इस तरह के शब्द कहते हुए कि : निरंतर प्रार्थना करते रहें l प्रभु पर भरोसा रखें l जब जीवन कठिन हो तो परमेश्वर के निकट रहें l

हममें से जो कुछ समय तक यीशु के साथ चले हैं समझते हैं कि यीशु के साथ जीना कितना कठिन हो सकता है l हम सभी को प्रोत्साहन देने और प्राप्त करने में सक्षम हों, जब परमेश्वर का आत्मा हमारा मार्गदर्शन करता है और हमें आध्यात्मिक सत्य की याद दिलाता है l

पसंदीदा

मेरे पति का भाई लगभग 2000 किलोमीटर दूर रहता है, वह हमेशा अपने परिवार का प्रिय सदस्य रहा है, उसके मज़ाक करने की असाधारण आदत और दयालु हृदय के कारण l जहाँ तक मैं याद रख सकता हूँ, हालाँकि, उसके भाई-बहनों ने अपनी माँ की आँखों में उसकी पसंदीदा स्थिति के बारे में नेकी से मज़ाक किया है l कई साल पहले, उन्होंने उसे इन शब्दों के साथ एक टी-शर्ट भी भेंट की थी, “मैं मॉम का फेवरिट(प्रिय) हूँ l” जबकि हम सभी ने अपने भाई-बहनों के भोलेपन का आनंद लिया, सच्चा पक्षपात/तरफदारी कोई मज़ाक का विषय नहीं है l

उत्पत्ति 37 में, हम याकूब के बारे में पढ़ते हैं, जिसने अपने बेटे यूसुफ को एक रंगबिरंगा अंगरखा दिया था – जो उसके अन्य बच्चों के लिए एक संकेत था कि युसूफ विशेष था (पद.3) l कुटिलता की झलक के बिना, अंगरखा का सन्देश चिल्लाया : “युसूफ मेरा पसंदीदा बेटा है l”

पक्षपात दिखाना एक परिवार में पंगु अशक्त कर देनेवाला हो सकता है l याकूब की माँ, रिबका ने, अपने बेटे एसाव की तुलना में उसको अधिक पसंद किया, जिससे दोनों भाइयों के बीच टकराव हुआ (25:28) l जब याकूब ने अपनी पत्नी लिआ के ऊपर अपनी पत्नी राहेल (युसूफ की माँ) की मदद की, तो कलह और गहन खिन्नता उत्पन्न हुई (29:30-31) l इसमें कोई शक नहीं कि यह नमूना युसूफ के भाइयों के लिए अपने छोटे भाई का तिरस्कार करने का अस्वास्थ्यकर आधार था, यहाँ तक कि उसकी हत्या की साजिश भी (37:18) l

जब हमारे संबंधों की बात आती है, तो हम इसे उद्देश्यपूर्ण होने के लिए कभी-कभी छली पाते हैं l लेकिन हमारा लक्ष्य सभी के साथ पक्षपात रहित व्यवहार करना और जीवन में हर व्यक्ति से प्रेम करना होना चाहिये जैसे हमारे पिता हमसे प्यार करते हैं (यूहन्ना 13:34) l