प्रलय उत्तरजीवी(Holocaust Surviver) कोरी टेन बूम को क्षमा का महत्व पता था l अपनी किताब में,  वह कहती है कि उसकी पसंदीदा मानसिक तस्वीर समुद्र में फेंके गए पापों की थी l  “जब हम अपने पापों को मान लेते हैं, परमेश्वर उनको गहरे समुद्र में फेंक देता है, पाप  हमेशा के लिए चले गए . . . मेरा मानना ​​है कि उसके बाद परमेश्वर एक संकेत लगा देता है जो कहता है कि वहाँ मछली पकड़ने की अनुमति नहीं है l”

वह एक महत्वपूर्ण सत्य की ओर इशारा करता है जो यीशु में विश्वासी कभी-कभी समझ नहीं पाते हैं – जब परमेश्वर हमारे अधर्म को क्षमा कर देता है,  तो हम पूरी तरह से क्षमा कर दिए जाते हैं! हमें अपने शर्मनाक कामों को उखाड़ते नहीं रहना है,  गंदी भावनाओं के कीचड़ में लोटना l इसके बदले हम उसके अनुग्रह और क्षमा को स्वीकार कर सकते हैं, स्वतंत्रता में उसका अनुसरण करते जाएँ l 

हम भजन 130  में “मछली पकड़ना मना है” के विचार को देखते हैं l भजनकार घोषणा करता है कि यद्यपि परमेश्वर न्यायी है, वह पश्चाताप करने वालों के पाप को क्षमा करता है : “परन्तु तू क्षमा करनेवाला है” (पद.4) l जब कि भजनकार परमेश्वर में अपना भरोसा रखते हुए उसकी प्रतीक्षा करता है (पद.5), वह विश्वास में बोलता है कि “इस्राएल को उसके सारे अधर्म के कामों से वही छुटकारा देगा” (पद.8) l उस पर विशवास करनेवाले “पूरा छुटकारा” प्राप्त करेंगे (पद.7) l   

जब हम शर्म और अयोग्यता की भावनाओं में फंस जाते हैं,  तो हम अपने पूरे दिल से परमेश्वर  की सेवा नहीं कर सकते l इसके बजाय,  हम अपने अतीत से प्रतिबंधित होते हैं l यदि आप अपने द्वारा किए गए गलत कार्य से निरुपाय महसूस करते हैं,  तो परमेश्वर से क्षमा याचना और नए जीवन के उपहार में पूरी तरह से विश्वास करने में आपकी सहायता करने के लिए कहें l उसने आपके पापों को समुद्र में डाल दिया है!