मैं एक पुराने दोस्त के पास गया जिसने मुझे बताया कि वह क्या कर रहा है, लेकिन मैं मानता हूं कि वह इतना अच्छा लग रहा रहा था पर सच नहीं l हालांकि, उस बातचीत के कुछ महीनों के भीतर, उसका बैंड(band) हर जगह था – रेडियो पर शीर्ष एकल स्थिति अंकित करने से लेकर टीवी विज्ञापनों के अंतर्गत एक हिट गाने के स्पंदित होने तक । प्रसिद्धि तक उसकी उन्नति त्वरित थी ।

हम महत्व और सफलता से ग्रस्त हो सकते हैं – बड़ा और नाटकीय, त्वरित और आकाशी l  लेकिन सरसों के बीज और खमीर के दृष्टांत राज्य (पृथ्वी पर परमेश्वर का राज्य) के तरीके की तुलना छोटी, छिपी हुई, और महत्वहीन प्रतीत होने वाली चीजों से होती है जिनका काम धीमा और नियमित है ।

राज्य अपने राजा की तरह है । मसीह का मिशन उसके जीवन में एक बीज की तरह, पराकाष्ठा पर पहुंचा, जो जमीन में दफन किया गया; खमीर की तरह, आटे में छिपा हुआ l फिर भी वह जीवित हो उठा l जैसे कोई पेड़ मिटटी से बाहर निकल रहा हो, जैसे रोटी जब उसे गर्मी मिलती है l यीशु जी उठा l

हमें उसके मार्ग के अनुसार जीने के लिए आमंत्रित किया गया है, मार्ग जो कायम रहने वाला  और सभी जगह फैलने वाला है l परीक्षाओं का सामना करके मामलों को अपने हाथों में लेते हुए,  सामर्थ्य को पकड़ने का प्रयास करते हुए, उससे निकले परिणाम द्वारा संसार में अपने व्यवहार को न्यायसंगत ठहराना l परिणाम – “एक ऐसा पेड़ . . . कि आकाश के पक्षी आकर उसकी डालियों पर बसेरा [करें]” (पद.32) और रोटी जो भोज का प्रबंध करती है – मसीह का कार्य होगा, हमारा नहीं l