नीदरलैंड में, फैशन डिजाइनरों का एक समूह “सुनहरा काष्ठकर्म/Golden Joinery” कार्यशाला प्रदान करता है । जापानी तकनीक किन्त्सुगी/Kintsugi से प्रेरित, जहां टूटे हुए चीनी मिट्टी के बरतन को सोने के साथ मरम्मत की जाती है, प्रतिभागी कपड़ों को उन तरीकों से जोड़ने में सहयोग करते हैं, जो इसे छिपाने की कोशिश करने के बजाय मरम्मत के कार्य को विशिष्टता/हाईलाइट प्रदान करती है l जिन्हें आमंत्रित किया जाता है, वे “एक प्रिय लेकिन फटे  हुए परिधान को लाते हैं और उन्हें सोने से मरम्मत करते हैं l जब वे अपने कपड़ों को मरम्मत कर देते हैं, वह मरम्मत सजावटी हो जाती है, “सुनहरा दाग़ ।”

कपड़े उन तरीकों से रूपांतरित होते हैं जो उन जगहों को उजागर करते हैं जहां वे फटे या घिसे हुए थे । शायद यह कुछ ऐसा ही है जैसा कि पौलुस का मतलब था जब उसने कहा कि वह अपनी कमजोरी दिखाने वाली चीजों में “घमंड” करता है । हालाँकि उसे “प्रकाशनों की बहुतायत”  का अनुभव था, लेकिन वह उनके बारे में डींग नहीं मारता था (2 कुरिन्थियों 12: 6) । वह कहता है, उसके “शरीर में एक काँटा चुभाया गया है” जिससे वह गर्व और अति आत्मविश्वास से बचाया जाता है (पद.7) l कोई नहीं जानता कि वह वास्तव में क्या कह रहा था – शायद अवसाद, मलेरिया का एक रूप, दुश्मनों से उत्पीड़न, या कुछ और । जो कुछ भी था, उसने परमेश्वर से इसे दूर करने के लिए विनती की । लेकिन परमेश्वर ने कहा, “मेरा अनुग्रह तेरे लिए बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ्य निर्बलता में सिद्ध होती है” (पड़.9) l

जिस तरह पुराने कपड़ों में चीरा और फटन ख़ूबसूरती की जगहें बन सकते हैं, जब वे डिजाइनरों द्वारा पुनः बना दिए जाते हैं, हमारे जीवन में टूटी हुई और कमजोर जगह वे स्थान बन सकते हैं जहां परमेश्वर की शक्ति और महिमा चमक सकती है । वह हमें एक साथ रखता है, हमें बदल देता है, और हमारी कमजोरियों को सुंदर बनाता है ।