अपनी पच्चीसवीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक यात्रा के दौरान, मेरे पति और मैंने समुद्र तट पर अपने बाइबल पढ़े l जब विक्रेता हमारे पास से गुज़रे और अपने माल की कीमतें बतायीं, हमने प्रत्येक को धन्यवाद दिया, लेकिन कुछ भी नहीं खरीदा । एक विक्रेता, फर्नांडो, मेरी अस्वीकृति पर व्यापक रूप से मुस्कुराया और जोर देकर कहा कि हम दोस्तों के लिए उपहार खरीदने पर विचार करें । जब मैंने उनके निमंत्रण को अस्वीकार कर दिया, तो फर्नांडो अपने सामान को लपेट कर दूर जाने लगा . . . जो अभी भी मुस्कुरा रहा था l “मैं परमेश्वर से प्रार्थना करती हूँ की तुम्हारा दिन धन्य हो,” मैंने कहा l

फर्नांडो ने मेरी ओर देखा और कहा, “उसके पास है! यीशु ने मेरे जीवन को बदल दिया l” फर्नांडो ने हमारी कुर्सियों के बीच घुटने टेक दिए । “मैंने उसकी उपस्थिति महसूस की l” फिर उसने साझा किया कि कैसे परमेश्वर ने उसे चौदह साल पहले नशीली दवाओं और शराब के दुरुपयोग से बचाया था ।

मेरे आंसू बह निकले जब उसने भजन की पुस्तक से पूरी कविताएँ सुनायीं और हमारे लिए प्रार्थना की । साथ में, हमने परमेश्वर की स्तुति की और उसकी उपस्थिति में आनन्दित हुए ।

भजन 148 स्तुति की प्रार्थना है । भजनकार ने सारी सृष्टि को “यहोवा के नाम की स्तुति” करने के लिए उत्साहित किया “क्योंकि उसी ने आज्ञा दी और यह सिरजे गए” (पद.5), “क्योंकि केवल उसी का नाम महान् है; उसका ऐश्वर्य पृथ्वी और आकाश के ऊपर है” (पद.13) l 

यद्यपि परमेश्वर हमें अपनी आवश्यकताओं को उसके सामने लाने के लिए आमंत्रित करता है और भरोसा करने के लिए कि वह हमारी बात सुनता है और हमारी परवाह करता है, वह कृतज्ञ प्रशंसा की प्रार्थना में भी आनंदित होता है हम जहाँ भी हैं l यहां तक ​​कि समुद्र तट पर भी ।