कुछ लोग उसे “ट्री व्हिस्परर(tree whisperer)” बुलाते हैं । टोनी रिनाओडो, वास्तव में, वर्ल्ड विजन ऑस्ट्रेलिया के पेड़ बचानेवाले हैं । वह एक मिशनरी और कृषिविज्ञानी है, जो अफ्रीका के साहेल, सहारा के दक्षिण में वनों की कटाई का विरोध करके यीशु को साझा करने के तीस साल के प्रयास में लगा हुए हैं ।
एहसास करते हुए कि “झाड़ियाँ” वास्तव में शिथिल/निष्क्रिय पेड़ थे, रिनाओडो ने छंटाई, देखभाल और उन्हें सींचना शुरू कर दिया । उनके काम ने सैकड़ों किसानों को प्रेरित किया कि वे अपने आस-पास के जंगलों को बहाल करके, मिट्टी के कटाव को उलट कर अपने खराब खेतों को बचाएं । उदाहरण के लिए, नाइजर में किसानों ने अपनी फसलों और उनकी आय को दोगुना कर दिया है, जो प्रति वर्ष अतिरिक्त 2.5 मिलियन लोगों के लिए भोजन प्रदान करता है ।
यूहन्ना 15 में, कृषि के रचियता, यीशु, ने इसी तरह की कृषि कार्यनीति का उल्लेख किया जब उसने कहा, “सच्ची दाखलता मैं हूँ, और मेरा पिता किसान है l जो डाली मुझ में है और नहीं फलती, उसे वह काट डालता है; और जो फलती है, उसे वह छाँटता है ताकि और फले ”(पद.1-2) ।
ईश्वर के दैनिक देखभाल के बिना, हमारी आत्माएं बंजर और शुष्क हो जाती हैं । हालाँकि, जब हम उसकी व्यवस्था में खुशी मनाते हैं, दिन-रात उसका ध्यान करते हैं, तो हम “उस वृक्ष के समान है, जो बहती नालियों के किनारे लगाया गया है” (भजन 1:3) l हमारे पत्ते “कभी नहीं मुरझाते” और “जो कुछ [हम करते हैं] मुरझाता नहीं” )पद.3) l उसमें छाँटे गए और उसमें लगाए गए, हम सदाबहार हैं – पुनर्जीवित और हरा-भरा ।
आप अपनी आत्मा को ईश्वर द्वारा कहाँ और कैसे देखभाल करते हुए पाते हैं? आप परमेश्वर के वचन में "प्रसन्न" होने के लिए क्या करते हैं?
हे बागवान परमेश्वर, मैं अपनी छंटाई वाली जगहों को आपकी छंटाई और पानी देने के लिए और मेरे सूखे स्थानों को हरा-भरा बनाने और आप में पुनर्जीवित करने के लिए समर्पण करता हूं ।
आध्यात्मिक रूप से बढ़ने के बारे में अधिक जानने के लिए, odb.org/courses/spiritual-life-basics पर जाएं ।