वर्षों पहले, मुझे विश्वविद्यालय के एक छात्रावास में रहनेवालों से बात करने के लिए आमंत्रित किया गया था । वे असभ्य व्यवहार के लिए प्रसिद्ध थे इसलिए मैं समर्थन के लिए एक दोस्त को साथ ले गया था । वे एक जश्न मनाने के मूड में थे, क्योंकि उन्होंने अभी-अभी एक फुटबॉल चैम्पियनशिप जीता था । रात के खाने में, अराजकता का प्रभाव था! आखिरकार, छात्रावास के अध्यक्ष ने घोषणा की : “यहां दो लोग हैं जो ईश्वर के बारे में बात करना चाहते हैं ।”

मैं रबड़ के समान शक्तिहीन टांगों पर खड़ा हुआ, और उन्हें ईश्वर के प्रेम के बारे में बताने लगा, और कमरा शांत हो गया । आनन्दमय ध्यानाकर्षण दिखायी दिया l उसके बाद एक जोरदार और ईमानदार प्रश्नोत्तरी का समय आया l बाद में, हमने वहाँ बाइबल अध्ययन शुरू किया और बाद के वर्षों में कईयों ने यीशु में उद्धार पाया ।

मैं ऐसे कई दिनों को याद करता हूँ जब मैंने “शैतान को बिजली के समान स्वर्ग से गिरा हुआ देखा” (लूका 10:18), लेकिन अन्य दिन भी थे जब मैं गिरा था – मुँह के बल l

लूका 10 यीशु के शिष्यों को एक मिशन से लौटकर एक महान सफलता की सूचना देते हुए बताता है l कईयों को राज्य में लाया गया था, दुष्टात्माएं भाग गए, और लोग चंगे हुए l शिष्य उत्तेजित हुए! यीशु ने उत्तर दिया, “मैंने देखा कि शैतान स्वर्ग से बिजली की तरह गिर रहा है ।” लेकिन फिर उन्होंने एक चेतावनी जारी की : “आनन्द मत करो कि आत्माएं तुम्हारे वश में  हैं, परन्तु इस से आनंदित हो कि तुम्हारे नाम स्वर्ग पर लिखे हैं” (पद.20) ।

हम सफलता में खुश होते हैं । लेकिन जब हम असफल होने लगते हैं तो हम निराश हो सकते हैं । ईश्वर ने आपको जो करने के लिए कहा है, उसे करते रहिए और उसके परिणामों को उस पर छोड़ दीजिए । उसने आपका नाम अपनी पुस्तक में रखा है l