जब हमने अपना घर खरीदा, तो हमें एक लगी हुई दाखलता विरासत में मिली । बागवानी की नौसिखियों के रूप में, मेरे परिवार ने यह जानने के लिए काफी समय निवेश किया कि किस तरह उसे छांटना, पानी देना, और उसकी देखभाल करना है । जब हमारी पहली फसल आई, तो मैंने लता से एक अंगूर अपने मुँह में डाला – केवल एक अप्रिय, खट्टा स्वाद से निराश होने के लिए ।

मैंने एक दाखलता की कड़ी मेहनत से देखभाल के हताशा को महसूस किया, केवल एक कड़वी फसल के लिए, जो यशायाह 5 के स्वर को प्रतिध्वनित करता है l वहाँ हम इस्राएल राष्ट्र के साथ परमेश्वर के सम्बन्ध का एक रूपक पढ़ते हैं । एक किसान के रूप में चित्रित परमेश्वर ने पहाड़ियों से मलबे को साफ किया था, अच्छी दाखलता लगाए थे, सुरक्षा के लिए एक गुम्मट  बनाया था और अपनी फसल के परिणामों का आनंद लेने के लिए एक कोल्हू बनाया था (यशायाह 5:1-2) । इस्राएल का प्रतीक, दाख की बारी, स्वार्थ, अन्याय और उत्पीड़न के खट्टे अंगूर उत्पन्न कर किसान की निराशा बनी (पद.7) l आखिरकार, परमेश्वर ने अवशेष को बचाते हुए अनिच्छा से दाख की बारी को नष्ट कर दिया कि किसी दिन अच्छी फसल पैदा होगी ।

यूहन्ना के सुसमाचार में, यीशु ने दाख की बारी का चित्रण करते हुए कहा, “मैं दाखलता हूँ : तुम डालियाँ हो l जो मुझ में बना रहता है और मैं उसमें, वह बहुत फल फलता है” (यूहन्ना 15:5) l इस समानांतर कल्पना में, यीशु, उसमें जुड़े रहने वाले विश्वासियों को दाख की शाखाओं के रूप में मुख्य दाखलता जो वह खुद है, से जुड़ा हुआ चित्रित करता है l अब, जब हम यीशु से उसकी आत्मा पर प्रार्थनापूर्ण निर्भरता के माध्यम से जुड़े हुए हैं, हमारे पास आध्यात्मिक पोषण के लिए सीधी पहुंच है जो सभी के लिए सबसे अच्छे फल का उत्पादन करेगा, अर्थात् प्रेम ।