“खामोशी में एक बेश बहा, बख्सिश है नमूदार; आसमानी बरकतों का अब, हर दिल में है इज़हार; हर आजिज़ दिल में यीशु तू दाखिल होता है; और ताइब गुनाहगार को भी, काबुल तू करता है l” एक अत्याधिक पसंदीदा गीत “बैतलहेम के ऐ छोटे कस्बे(O Little Town of Bethlehem)” के शब्द क्रिसमस के सार की ओर इशारा करता है l यीशु हमें हमारे पाप से छुड़ाने के लिए हमारी टूटी-फूटी दुनिया में आया और परमेश्वर में अपना विश्वास रखनेवालों को परमेश्वर के साथ एक नया और महत्वपूर्ण सम्बन्ध देता है l

गीत लिखने के दशकों बाद एक मित्र को लिखे एक पत्र में, रचयिता ने मार्मिक रूप से अपने जीवन में इस रिश्ते के परिणाम का वर्णन किया : “मैं आपको यह नहीं बता सकता कि यह मेरे लिए कितना व्यक्तिगत है । वह यहाँ है । वह मुझे जानता है और मैं उसे जानता हूँ l यह अलंकार(figure of speech) नहीं है । यह दुनिया की सबसे असली चीज़ है, और हर दिन इसे और अधिक वास्तविक बनाता है । और कोई भी खुशी के साथ आश्चर्य करता है कि जैसे-जैसे वर्ष बीतते जाते हैं यह किस दिशा में उन्नति करेगा l

उसके जीवन में परमेश्वर की उपस्थिति की यह शांत निश्चयता यशायाह द्वारा नबूवत किये गए यीशु के नामों में से एक को प्रतिबिम्बित करता है : “एक कुमारी गर्भवती होगी और पुत्र को जनेगी, और उसका नाम इम्मानुएल रखेगी” (यशायाह 7:14) l मत्ती का सुसमाचार हमें इब्री नाम इम्मानुएल का अर्थ बताता है : “परमेश्वर हमारे साथ” (1:23) ।

परमेश्वर यीशु के द्वारा हमारे निकट आया ताकि हम उसे व्यक्तिगत रूप से जान सकें और हमेशा उसके साथ रह सकें l हमारे साथ उसकी प्रेममय उपस्थिति सबसे बड़ा उपहार है l