जब मनोरंजन उद्यान(theme park) के कर्मचारी जेन ने रोहित को अचानक जमीन पर झुककर आंसू बहाते देखा, तो वह मदद के लिए दौड़ी । रोहित, स्वलीनता(Autism-एक प्रकार की बीमारी) से पीड़ित एक युवा लड़का था जो सिसक रहा था, क्योंकि वह जिस झूले का आनंद लेने के लिए दिन भर इंतजार किया था वह टूट गया था l उसे अपने पैरों पर जल्दी खड़ा होने में मदद करने या उसे बेहतर महसूस करने का आग्रह करने के बजाय, जेन उसकी भावनाओं की पुष्टि करने और उसे रोने का समय देते हुए. रोहित के साथ बैठ गयी l

जेन की क्रियाएं इस बात का एक सुंदर उदाहरण हैं कि हम उन लोगों के साथ कैसे खड़े हो सकते हैं जो दुःखी या पीड़ित हैं । बाइबल हमें अय्यूब के घर की हानि, उसके पशुओं के झुण्ड(उसकी आय), उसका स्वास्थ्य, और उसके दस बच्चों की एक साथ हुई मौत के बाद उसके गंभीर दुःख के बारे में बताती है l जब अय्यूब के मित्रों को उसकी पीड़ा का पता चला, तो “वे आपस में यह ठानकर कि हम अय्यूब के पास जाकर . . .  उसको शांति देंगे, अपने अपने यहाँ से उसके पास चले” (अय्यूब 2:11) l अय्यूब शोक में धरती पर बैठ गया l जब वे पहुंचे, तो उसके मित्र — सात दिनों तक — उसके साथ निशब्द बैठे रहे क्योंकि उन्होंने उसके दुख की गहराई देखी ।

बाद में, अपनी मानवता में, अय्यूब के मित्रों ने उसे असंवेदनशील सलाह दी । लेकिन पहले सात दिनों के लिए, उन्होंने उसे उपस्थिति का शब्दहीन और कोमल उपहार दिया । हम शायद किसी के दुःख को नहीं समझ सकेंगे, लेकिन हमें केवल उनके साथ रहकर उन्हें अच्छी तरह से प्यार करने के लिए समझने की आवश्यकता नहीं है ।