सर्जरी के बाद दिल के दौरे/stroke ने टॉम के बोलने की क्षमता को छीन लिया था, और उसे एक लम्बे स्वास्थ्य लाभ यात्रा का सामना करना पड़ा l कई सप्ताह बाद, जब वह हमारे चर्च के धन्यवाद समारोह में दिखाई दिया तो हमें सुखद आश्चर्य हुआ । जब वह बोलने के लिए उठा तो हम और भी हैरान हुए । क्या कहना है की खोज करते हुए, उसने अपने शब्दों में घालमेल कर दी, खुद को दोहराया, और दिन और समय को असंगत कर दिया l लेकिन एक बात स्पष्ट थी : वह परमेश्वर की प्रशंसा कर रहा था! आपका दिल टूटना संभव है और उसी क्षण धन्य होना l यह उस तरह का क्षण था ।
“क्रिसमस से पहले की कहानी” में हम एक ऐसे व्यक्ति से मिलते हैं, जिसका बोली का उपहार खो गया था । जिब्राईल स्वर्गदूत जकर्याह याजक के सामने प्रगट हुआ और कहा कि वह एक महान भविष्यवक्ता का पिता होगा (देखें लूका 1:11-17) । जकर्याह और उसकी पत्नी वृद्ध थे, इसलिए उसे शक हुआ । उसी समय जिब्राईल ने उससे कहा कि “जिस दिन तक ये बातें पूरी न हो लें” तब तक वह नहीं बोलेगा (पद.20) ।
और वह दिन आया l और चमत्कारिक बच्चे के नामकरण समारोह में, जकर्याह बोला l अपने पहले शब्दों के साथ उसने परमेश्वर की प्रशंसा की (पद.64) । फिर उसने कहा, “प्रभु, इस्राएल का परमेश्वर धन्य हो, क्योंकि उसने अपने लोगों पर दृष्टि की और उनका छुटकारा किया है” (पद. 68) ।
जकर्याह की तरह, जैसे ही वह सक्षम हुआ, टॉम की प्रतिक्रिया परमेश्वर की प्रशंसा करना था । उनके दिलों का झुकाव उस की ओर था जिसने उनकी जुबान और उनके मन को बनाया था l इस मौसम में हम चाहे जिसका भी सामना हमसे होता हैं, हम उसी तरह प्रत्युत्तर दे सकते हैं l
संकट आने पर आप कैसे प्रत्युत्तर देते हैं? जब आप उसमें से होकर जाते हैं आपकी क्या प्रतिक्रिया होती है?
पिता, वाणी के उपहार के लिए, धन्यवाद । हमारे संदेह के समय में, हमारे विश्वास को मजबूत करने के लिए हमारे साथ रहें । हमें सीखने में मदद करें कि हम किस प्रकार भाषा का उपयोग करके आपके निकट आकर आपका सम्मान कर सकते हैं l