उसका नाम ज्ञान है, और वह खुद को संसार का छात्र मानता है । और वह कहता है, “यह सभी शहरों और नगरों का एक बहुत बड़ा स्कूल है जिनसे होकर वह गुज़रा है l उसने लोगों से मिलने और सीखने के लिए 2016 में अपनी साइकिल पर चार साल की यात्रा शुरू की । जब कोई भाषा अवरोध होता है,  तो वह महसूस करता है कि कभी-कभी लोग केवल एक-दूसरे को देखकर समझ सकते हैं । वह संवाद करने के लिए अपने फोन पर अनुवाद ऐप पर भी निर्भर होता है । वह अपनी यात्रा को उस मील की दूरी जो उसने तय की है या उसके देखे गए स्थानों से नहीं मापता है । इसके बजाय, वह इसे उन लोगों में मापता है,  जिन्होंने उसके दिल पर एक छाप छोड़ी है : “शायद मैं आपकी भाषा नहीं जानता,  लेकिन मैं यह जानना चाहूंगा कि आप कौन हैं ।”

यह एक बहुत बड़ा संसार है,  फिर भी ईश्वर इसके बारे में और इसमें मौजूद लोगों को पूरी तरह से जानता है – पूरी तरह से और पूर्ण रूप से । भजनहार दाऊद ईश्वर के विस्मय में था जब उसने उसके हाथों के सभी कार्यों पर विचार किया : आकाश, चंद्रमा और तारागण की रचना (भजन 8:3) । उसने सोचा, “तो फिर मनुष्य क्या है कि तू उसका स्मरण रखे, और आदमी क्या है कि तू उसकी सुधि ले?”  (पद.4) ।

कोई और आपको जितना जानता है परमेश्वर आपको उससे कहीं अधिक जानता है और वह आपकी परवाह करता है । हम केवल प्रत्युत्तर दे सकते हैं, “हे यहोवा, हे हमारे प्रभु, तेरा नाम सारी पृथ्वी पर क्या ही प्रतापमय है!” (पद.1,9) ।