मैं पश्चिमी अमेरिका के एक राज्य, कोलोराडो में रहता हूं, जो चट्टानी पर्वत और हमारी वार्षिक हिमपात के लिए मशहूर है । फिर भी मेरे राज्य में सबसे खराब प्राकृतिक आपदा का बर्फ से कोई लेना-देना नहीं था बल्कि बारिश से था । द बिग थॉमसन बाढ़ 31 जुलाई, 1976 को, एस्टेस पार्क के शहर रिसॉर्ट(सैरगाह) में आयी l जब जलस्तर उतर गया,  तब पशुधन सहित मरने वालों की संख्या 144 थी l उस आपदा के मद्देनजर उस क्षेत्र में महत्वपूर्ण अध्ययन किए गए, खासकर सड़कों और राजमार्गों की नींव के संबंध में । सड़कों की दीवारें जो कंक्रीट की थी ने ही तूफ़ान का सामना किया l दूसरे शब्दों में, उनके पास एक निश्चित और मजबूत नींव थी ।

हमारे जीवनों में सवाल यह नहीं है कि यदि बाढ़ आएगी, लेकिन कब । कभी-कभी हमारे पास अग्रिम सूचना होती है, लेकिन आमतौर पर नहीं । यीशु ऐसे समय के लिए एक मजबूत नींव पर बल देता है –  जो केवल उसके शब्दों को सुनकर नहीं, बल्कि सुसमाचार (लूका 6:47) को जीकर भी बनता है । यह अभ्यास हमारे जीवन में लगभग कंक्रीट डालने के समान है । जब बाढ़ आती है, और वे आएँगी,  तो हम उनका सामना कर सकेंगे क्योंकि हम “पक्के बने” हैं (पद.48) l  अभ्यास की अनुपस्थिति हमारे जीवन को पतन और विनाश की चपेट में छोड़ देती है (पद.49) । यह बुद्धिमान और मूर्ख होने के बीच का अंतर है ।

कभी-कभार रुकना और थोड़ा आधार निर्धारण करना अच्छा है । यीशु उन कमजोर स्थानों को मजबूत करने में हमारी मदद करेगा, ताकि बाढ़ आने पर हम उनकी शक्ति में मजबूत खड़े रह सकेंगे l