अधिकांश अमेरिकियों को 2015 तक, अलेक्जेंडर हैमिल्टन (एक अमेरिकी राजनेता और अमेरिका के संस्थापक पिता में से एक) के बारे में बहुत कम पता था, जब लिन-मैनुअल मिरांडा ने अपना हिट संगीत हैमिल्टन लिखा l अब अमेरिका के स्कूली बच्चे हैमिल्टन की कहानी को कंठस्थ कर चुके हैं l वे इसे बस में और अवकाश पर एक दूसरे को गाते हैं l

परमेश्वर संगीत की शक्ति को जानता है,  और उसने मूसा से कहा, “यह गीत लिख लो, और तू इसे इस्राएलियों को सिखाकर कंठस्थ करा देना” (व्यवस्थाविवरण 31:19) l परमेश्वर जानता था कि मूसा के चले जाने के काफी समय बाद,  जब वह इस्राएल को प्रतिज्ञात देश में पहुँचा चूका होगा, तो वे विद्रोह और दूसरे देवताओं की उपासना करेंगे l इसलिए उसने मूसा से कहा, “यह गीत इन पर साक्षी देगा, क्योंकि इनकी संतान इसको कभी भी नहीं भूलेगी” (पद.21) l  

गीतों को भूलना लगभग असंभव है,  इसलिए हम जो गाते हैं उसके बारे में चयनात्मक होना बुद्धिमानी है l कुछ गीत सिर्फ मनोरंजन के लिए हैं,  और यह ठीक है,  लेकिन हम उन गीतों से लाभ उठाते हैं जो यीशु में गर्व करते हैं और हमारे विश्वास को प्रोत्साहित करते हैं l उन तरीकों में से एक,  जिससे हम “अवसर को बहुमूल्य [बनाते हैं]” वह है जब हम “आपस में भजन और स्तुतिगान और आत्मिक गीत [गाते हैं] l” इसलिए “अपने-अपने मन से प्रभु के सामने गाते और कीर्तन करते रहो” (देखें इफिसियों 5:15-19) l

गाने हमारे दिल की दिशा का सूचक हो सकते हैं l क्या शब्द यीशु के विषय बहुत कुछ कहते हैं?  क्या हम उन्हें पूरे दिल से गाते हैं?  हम जो गाते हैं वह हमारे विश्वास को प्रभावित करेगा, इसलिए बुद्धिमानी से चुनें और जोर से गाएं l