सर्दियों की रात ठंडी थी जब किसी ने एक यहूदी बच्चे के शयनकक्ष की खिड़की के अन्दर एक बड़ा पत्थर फेंका l दाऊद का सितारा, मेनोरह(साथ दीपों वाला दीप स्तम्भ) के साथ दीपों का यहूदी पर्व हनुक्का(Hanukkah) मनाने के लिए खिड़की में लगाया गया था l अमेरिका के इस छोटे से शहर में, हजारों लोगों ने – जिनमें से कई लोग विश्वासी थे – इस घृणित कृत्य का प्रत्युत्तर दया से दी l अपने यहूदी पड़ोसियों की चोट और डर के समर्थन में, उन्होंने अपनी खिडकियों में मेनोरह के तस्वीर चस्पा दिए l

 

यीशु में विश्वासियों के रूप में,  हम भी बहुत दया प्राप्त करते हैं l हमारे उद्धारकर्ता ने हमारे बीच निवास करने के लिए खुद को दीन किया (यूहन्ना 1:14),  हमारे साथ पहचान बनायी l हमारी ओर से, उसने, “परमेश्वर के स्वरुप में होकर भी . . . अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया, और दास का स्वरुप धारण किया” (फिलिप्पियों 2:6-7) l फिर, हमारे जैसा अनुभव करते हुए और हमारे जैसा रोते हुए, वह क्रूस पर मरा, हमारे जीवनों को बचाने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया l

 

हम जितना भी संघर्ष करते हैं वह हमारे उद्धारकर्ता की चिंता से परे नहीं है l यदि कोई हमारे जीवन पर ‘पत्थर फेंकता है, वह(यीशु) हमें सुकून देता है l यदि जीवन निराशा लाती है,  तो वह निराशा में हमारे साथ चलता है l “यद्यपि यहोवा महान् है, तौभी वह नम्र मनुष्य की ओर दृष्टि करता है” (भजन 138:6) l हमारी परेशानियों में,  वह हमें बचाता है, “क्रोधित शत्रुओं के विरुद्ध” (पद.7) और हमारे गहरे भय, दोनों ही के विरुद्ध अपना हाथ बढाता है l परमेश्वर, आपके दयापूर्ण प्रेम के लिए धन्यवाद l