उन्नीसवीं सदी के फ्रांस के सामाजिक और राजनीतिक उथल-पुथल के समय के कवि और उपन्यासकार विक्टर ह्यूगो (1802–1885), शायद अपने उत्कृष्ट कृति(classic) लेस मिसरबल्स(Les Miserables) के लिए जाने जाते हैं l एक सदी बाद, उनके उपन्यास का एक संगीत रूपांतरण हमारी पीढ़ी की सबसे लोकप्रिय प्रस्तुतियों में से एक बन गया है l यह हमें आश्चर्यचकित न करने पाए l जैसा कि ह्यूगो ने एक बार कहा था, “संगीत वह व्यक्त करता है जो कहा नहीं जा सकता है और जिस पर चुप रहना असंभव है l”
भजन लिखने वाले मान जाते l उनके गीत और प्रार्थना हमें जीवन और उसके अपरिहार्य दर्द पर सच्चा प्रतिबिंब प्रदान करते हैं l वे हमें उन स्थानों पर स्पर्श करते हैं जहां हमें पहुंचना मुश्किल लगता है l उदाहरण के लिए, भजन 6:6 में दाऊद रोता है, “मैं कराहते कराहते थक गया, मैं अपनी खाट आँसुओं से भिगोता हूँ; प्रति रात मेरा बिचौना भीगता है l”
यह तथ्य कि पवित्रशास्त्र के प्रेरित गीतों में ऐसी सच्ची ईमानदारी शामिल है, हमें बहुत प्रोत्साहन देता है l यह हमें अपने भय को ईश्वर तक लाने के लिए आमंत्रित करता है, जो आराम और मदद देने के लिए अपनी उपस्थिति में हमारा स्वागत करता है l वह हमारे दिल को छू लेनेवाली इमानदारी में गले लगता है l
संगीत हमें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की क्षमता दे सकता है जब शब्द मिलना कठिन होता है, लेकिन चाहे वह अभिव्यक्ति गायी जाती है, प्रार्थना की जाती है, या विलाप में व्यक्त की जाती है, हमारा परमेश्वर हमारे हृद्यों में सबसे गहरी जगहों पर पहुंचता है और हमें अपनी शांति देता है l
आप अपनी प्रार्थना के जीवन को कैसे चित्रित करेंगे? यह जानना आपको कैसा महसूस कराता है कि स्वयं ईश्वर आपको यथास्थिति में अपनी उपस्थिति में आने की अनुमति देता है?
प्रेमी परमेश्वर, मेरे सभी दर्द, भय, संघर्ष और निराशा के साथ मेरा स्वागत करने के लिए धन्यवाद l धन्यवाद कि आप “सही” और साफ़-सुथरी” प्रार्थना नहीं, लेकिन इसके बजाय मेरा ईमानदार हृदय चाहते हैं l