मेरे घर के निकट एक गृह-सुधार स्टोर(home-improvement store) है,  जिसके एक विभाग में एक बड़ा हरा बटन है l यदि कोई सहायक मौजूद नहीं है,  तो आप बटन को दबा दें,  जो एक टाइमर को शुरू कर देता है l  यदि आपको एक मिनट के भीतर सेवा नहीं मिलती है,  तो आपको अपनी खरीद पर छूट मिलती है l

हमें इस परिदृश्य में ग्राहक बनना पसंद है जो शीघ्र सेवा प्राप्त करता है l लेकिन त्वरित सेवा की मांग अक्सर कीमत मांगता है जिसे प्रदान करने की हमसे अपेक्षा की जाती है l इसलिए हममें से कई आज महसूस करते हैं कि हमारे काम शीध्र पूरे हों, लम्बे समय तक काम करना, कई बार अपने ईमेल देखना, और निर्धारित समय में काम समाप्त करने का अत्यधित तनाव महसूस करते हैं l गृह-सुधार की दुकान की ग्राहक सेवा संबंधी रणनीति ने हम सभों के जीवन में घुस कर, उतावलापन की संस्कृति उत्पन्न कर दी है l

जब परमेश्वर ने इस्राएलियों को सब्त रखने के लिए कहा,  तो उसने एक महत्वपूर्ण कारण जोड़ा : “याद रखना कि मिस्र देश में तू आप दास था” (व्यवस्थाविवरण 5:15) l वहाँ उन्हें फिरौन के अत्यधिक समय की बाध्यता (निर्गमन 5: 6–9) के तहत लगातार काम करने के लिए मजबूर किया गया (निर्गमन 5:6-9) l अब स्वतंत्र होने के बाद,  उन्हें सुनिश्चित करने के लिए कि वे और अन्य जो उनकी सेवा करते थे प्रत्येक सप्ताह खुद को एक पूरा दिन देकर आराम करेंगे (व्यवस्थाविवरण 5:14) l ईश्वर के शासन के तहत, किसी के चेहरे पर उत्तेजना या श्वास लें में कठिनाई नहीं होनी थी l

कितनी बार आप थकावट के बिंदु तक काम करते हैं या उन लोगों के साथ अधीर हो जाते हैं जो आपको इंतजार करवाते हैं?  खुद को और एक-दूसरे को अवकाश दें l उतावलापन की संस्कृति फिरौंन की है, परमेश्वर की नहीं l