स्वीकार्यता की एक विरासत
1968 में नागरिक अधिकार कार्यकर्ता डॉ. मार्टिन लूथर किंग जूनियर की हत्या के बाद, ग्लेन केहरिन अपनी किताब ब्रेकिंग डाउन वाल्स में, शिकागो में अपने कॉलेज के छात्रावास की छत पर चढ़ने के बारे में लिखते हैं l “बंदूकों के चलने की आवाज़ें बड़ी इमारतों से अस्वाभाविक और भयानक रूप से आती जाती रही, और जल्द ही मेरा छत पर का ठिकाना एक निकट विहंगम दृश्य प्रस्तुत किया, मगर भयावह, दृश्य . . . l मैं किस तरह दो साल से भी कम समय में शिकागो के भीतरी शहर में एक विस्कॉन्सिन कॉर्नफील्ड से युद्ध क्षेत्र में दुनिया पहुँच गया?” यीशु के प्रति उसके प्रेम और उन लोगों द्वारा विवश जिनकी पृष्ठभूमि उससे अलग थी, ग्लेन शिकागो के पश्चिमी हिस्से में रहा और वहां एक सेवा का नेतृत्व किया, जिसने 2011 में अपनी मृत्यु तक भोजन, कपड़े, आश्रय और अन्य सेवाएं प्रदान कीं l
ग्लेन का जीवन यीशु के विश्वासियों के प्रयासों को दर्शाता है, जिसने उन लोगों की आवश्यकताओं को समझा और गले लगाया जो खुद से अलग हैं l पौलुस के शिक्षण और उदाहरण ने रोमी विश्वासियों को यह देखने में मदद की कि ईश्वर की योजना ने मानवता को बचाने के लिए यहूदियों और अन्यजातियों दोनों ही को शामिल किया है (रोमियों 15:8-12) l विश्वासियों को दूसरों को स्वीकार करने के उसके उदाहरण का पालन करने के लिए कहा जाता है (पद.7); उनके बीच पूर्वाग्रह और कलह का कोई स्थान नहीं है, जिन्हें “एक मन और एक स्वर में” परमेश्वर की महिमा करने के लिए बुलाया गया है (पद.6) l परमेश्वर से आपको बाधाओं को पार करें और दीवारों को गिराने और हरेक को गर्मजोशी से गले लगाने के लिए कहे l आइए स्वीकृति की विरासत को पीछे छोड़ने का प्रयास करें l
ओज़ का जादूगर बहुत अद्भुत नहीं
द वंडरफुल विजार्ड ऑफ ओज़ (एक किताब पर आधारित एक अंग्रेजी नाटक) में, डोरोथी, एक बिजूखा(scarecrow), द टिन मैन, और कायर शेर डंडे वाली झाड़ू(broomstick) के साथ जिसने पश्चिम के दुष्ट जादूगरनी को सशक्त बनाया ओज़ को लौटते हैं l जादूगरनी ने वादा किया था, कि झाड़ू के बदले में, वह चारों को उनकी सबसे तीव्र इच्छाएं देगी : डोरोथी के लिए एक सवारी घर, बिजूखा के लिए एक मस्तिष्क, टिन मैन के लिए एक हृदय, और कायर शेर के लिए साहस l लेकिन जादूगरनी टालमटोल करते हुए उन्हें अगले दिन वापस आने के लिए कहती है l
जब वे जादूगर से विनती करते हैं, डोरोथी का कुत्ता टोटो पर्दा हटाता है, जिसके पीछे से जादूगरनी यह प्रकट करने के लिए बोलती है, कि जादूगर बिल्कुल भी जादूगर नहीं है, वह नेब्रास्का का एक भयभीत, बेचैन आदमी है l
यह कहा गया है कि लेखक, एल. फ्रैंक बॉम को परमेश्वर के साथ एक गंभीर समस्या थी, इसलिए वह यह संदेश देना चाहता था कि केवल हमारे पास अपनी समस्याओं को हल करने की शक्ति है l
इसके विपरीत, प्रेरित यूहन्ना “पर्दा” के पीछे वास्तविक रूप से अद्भुत व्यक्तित्व को प्रगट करने के लिए आवरण हटाता है l शब्द यूहन्ना को विफल कर देते हैं (परिच्छेद में पूर्वसर्ग सा, के समान के बार-बार उपयोग पर ध्यान दें), लेकिन बिंदु अच्छी तरह से स्थापित किया गया है : परमेश्वर अपने सिंहासन पर विराजमान है, और कांच के एक समुद्र से घिरा हुआ है (प्रकाशितवाक्य 4:2, 6) l मुसीबतों के बावजूद जो हमें यहां धरती पर परेशान करती हैं (अध्याय 2-3), परमेश्वर अपने पाँव से धरती नहीं नाप रहा और अपने नाखून नहीं चबा रहा है l वह हमारी भलाई के लिए क्रियाशीलता से कार्य कर रहा है, ताकि हम उसकी शांति का अनुभव कर सकें l
शक्तिशाली
23 सप्ताह में “अपरिपक्य शिशु(micro-preemie)” के रूप में पैदा हुई बेबी सेबी का वजन केवल 245 ग्राम था l डॉक्टरों को संदेह था कि सेबी जीवित रहेगी और उन्होंने उसके माता-पिता को बताया कि उनके पास उनकी बेटी के साथ केवल एक घंटा है l हालाँकि, सेबी लड़ती रही l उसके पालने के पास एक गुलाबी कार्ड बता रहा था “नन्ही और शक्तिशाली l” अस्पताल में पांच महीने के बाद, सेबी चमत्कारिक रूप से 2.26 किलोग्राम वजन के स्वस्थ बच्चे के रूप में घर गई l और उसने अपने साथ एक विश्व रिकॉर्ड बनाया : दुनिया का सबसे नन्हा जीवित बच्चा l
ऐसे लोगों की कहानियाँ सुनना ज़ोरदार है जो कठिनाईयों पर विजय प्राप्त करते हैं l बाइबल एक ऐसी ही कहानी बताती है l दाऊद, एक चरवाहा लड़का ने, गोलियत से लड़ने के लिए स्वेच्छा से आगे आया - एक महाकाय योद्धा, जिसने परमेश्वर को अपमानित किया और इस्राएल को धमकाया l राजा शाऊल ने सोचा कि दाऊद हास्यास्पद है : “तू जाकर उस पलिश्ती के विरुद्ध युद्ध नहीं कर सकता; क्योंकि तू तो लड़का ही है, और वह लड़कपन ही से योद्धा है” (1 शमुएल 17:33) l और जब दाऊद जो लड़का ही था ने युद्ध के मैदान में कदम रखा, तो गोलियत ने “दृष्टि करके दाऊद को देखा, तब उसे तुच्छ जाना; क्योंकि वह लड़का ही था” (पद.2) l हालाँकि, दाऊद ने अकेले युद्ध में कदम नहीं रखा l वह “इस्राएली सेना का परमेश्वर,” “सेनाओं के यहोवा के नाम से” आया (पद.45) l और दिन के समाप्ति पर, विजयी दाऊद मृत गोलियत के ऊपर खड़ा था l
कोई फर्क नहीं पड़ता कि समस्या कितनी बड़ी है, जब परमेश्वर हमारे साथ है तो हमें किसी से डरने की ज़रूरत नहीं है l उसकी सामर्थ्य के साथ, हम भी शक्तिशाली हैं l
सभी सड़कें?
“राजमार्ग पर नहीं जाइएगा!” ये शब्द मेरी बेटी के थे जब मैं काम से लौटने पर था l राजमार्ग प्रत्यक्ष रूप से पार्किंग स्थल बन चूका था l मैंने वैकल्पिक मार्गों की कोशिश शुरू कर दी, दूसरी सड़कों पर रूकावट का अनुभव करने के बाद, मैंने हार मान ली l इस कारण मैं विपरीत दिशा में एक एथलेटिक प्रतियोगिता में गया जिसमें मेरी नातिनी भाग ले रही थी l
यह जानकार कि कोई भी सड़क मुझे घर नहीं ले जाएगी, मैं ऐसे लोगों के बारे में सोचने को विवश हुआ जो कहते हैं कि सभी सड़कें परमेश्वर के साथ एक शाश्वत संबंध बनाने में अगुवाई करती हैं l कुछ का मानना है कि दयालुता और अच्छे व्यवहार का मार्ग आपको वहां पहुंचाएगा l दूसरे लोग धार्मिक काम करने की राह चुनते हैं l
उन सड़कों पर भरोसा करना, हालांकि, एक बंद गली की ओर जाता है l परमेश्वर की शाश्वत उपस्थिति तक ले जाने वाली केवल एक सड़क है l यीशु ने इसे स्पष्ट किया जब उसने कहा, “मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता” (यूहन्ना 14:6) l वह प्रकट कर रहा था कि वह हमारे लिए मृत्यु सहने जा रहा था कि पिता के घर में प्रवेश का मार्ग प्रशस्त करें – उसकी उपस्थिति तक और वर्तमान और अनंत काल तक के लिए वास्तविक जीवन l
उन अवरुद्ध राजमार्गों को छोड़ दें जो परमेश्वर की उपस्थिति तक नहीं ले जाते हैं l इसके बजाय, यीशु पर उद्धारकर्ता के रूप में विश्वास करें, क्योंकि “जो पुत्र पर विश्वास करता है, अनंत जीवन उसका है” (3:36) l और जो लोग पहले से ही उस पर विश्वास करते हैं, उस मार्ग में विश्राम करें जिसका उसने प्रबंध किया है l