हमारी सबसे बड़ी असफलता के क्षणों में, यह विश्वास करना आसान हो सकता है कि हमारे लिए बहुत देर हो चुकी है, कि हमने उद्देश्य और मूल्य के जीवन में अपना मौका खो दिया है l इसी तरह अधिकतम-सुरक्षा जेल में एक पूर्व कैदी एलियास ने कैदी के रूप में अपनी भावनाओं का वर्णन किया l “मेरे पास टूटे वादे थे, मेरे अपने भविष्य के वादे, मैं क्या हो सकता था का वादा l”
यह एक कॉलेज का “जेल में प्रचार करने की पहल(Prison Initiative” कॉलेज की डिग्री प्रोग्राम था जिसने एलियास के जीवन को बदलना शुरू किया l कार्यक्रम में रहते हुए, उसने एक वाद-विवाद टीम में भाग लिया, जिसने 2015 में हार्वर्ड की एक टीम से वाद-विवाद किया और जीत हासिल की l एलायस के लिए, “”टीम का हिस्सा होना . . . [यह साबित करने का एक तरीका था कि ये वादे पूरी तरह से खो नहीं गए हैं l”
इसी तरह का परिवर्तन हमारे हृद्यों में तब होता है जब हम यह समझने लगते हैं कि यीशु में परमेश्वर के प्रेम की खुशखबरी हमारे लिए भी अच्छी खबर है l हम आश्चर्य के साथ महसूस करना शुरू करते हैं, बहुत देर नहीं हुई है । परमेश्वर अभी भी मेरे लिए एक भविष्य रखा है l
और यह एक ऐसा भविष्य है जिसे न तो कमाया जा सकता है और न ही यह खो सकता है, केवल परमेश्वर के असाधारण अनुग्रह और सामर्थ्य पर अवलंबित है (2 पतरस: 1:2-3) l एक ऐसा भविष्य जहां हम संसार में निराशा से मुक्त हो गए हैं और हमारे हृद्यों में जो उसकी “महिमा और सद्गुण” से भरे हुए हैं (पद.3) l मसीह के अकल्पनीय वादों में सुरक्षित भविष्य (पद.4); और एक भविष्य जो “परमेश्वर की संतानों की महिमा” में बदल गया है (रोमियों 8:21) l