“समय गुजरता गया l युद्ध आरम्भ हो गया l” इसी प्रकार दक्षिण सूडान के केलिको लोगों के बिशप सेमी निगो ने बाइबल को अपनी भाषा में पाने के लिए अपने चर्च के लंबे संघर्ष में देरी का वर्णन किया l एक शब्द भी, वास्तव में, केलिको भाषा में मुद्रित नहीं किया गया था l दशकों पहले, बिशप निगो के दादा ने साहसपूर्वक एक बाइबल अनुवाद परियोजना शुरू की थी, लेकिन युद्ध और अशांति प्रयास को रोकते रहे l फिर भी, उत्तरी युगांडा और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में उनके शरणार्थी शिविरों पर बार-बार हमले के बावजूद, बिशप और साथी विश्वासियों ने परियोजना को जीवित रखा l
उनकी दृढ़ता का परिणाम दिखाई दिया l लगभग तीन दशकों के बाद, केलिको में नया नियम बाइबल शरणार्थियों को एक उत्साहपूर्ण उत्सव में दिया गया l “केलिको की प्रेरणा शब्दों से परे है,” एक परियोजना सलाहकार ने कहा l
केलिको की प्रतिबद्धता उस दृढ़ता को दर्शाती है जो परमेश्वर ने यहोशू से पूछी थी l जैसा कि परमेश्वर ने उससे कहा था, “व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना, इसलिए कि जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे; क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा” (यहोशु 1:8) l समान दृढ़ता के साथ, केलिको लोगों ने पवित्रशास्त्र के अनुवाद को जारी रखा l अब, “जब आप उन्हें शिविरों में देखते हैं, वे मुस्कुराते हुए दिखाई देते हैं,” एक अनुवादक ने कहा l बाइबल को सुनना और समझना “उन्हें आशा देता है l” केलिको लोगों की तरह, हम कभी भी पवित्रशास्त्र की शक्ति और ज्ञान की मांग को स्थगित नहीं कर सकते l