खूबसूरत दिन का आनंद लेने की इच्छा से, मैं टहलने के लिए निकला और जल्द ही एक नए पड़ोसी से मिला l उसने मुझे रोका और अपना परिचय दिया : “मेरा नाम उत्पत्ति है, और मैं साढ़े छह साल का हूँ l”
“उत्पत्ति एक शानदार नाम है! यह बाइबल की एक पुस्तक है, “मैंने उत्तर दिया l
“बाइबल क्या है?” उसने पूछा l
“यह परमेश्वर की कहानी की किताब है कि उसने दुनिया और लोगों को कैसे बनाया और कैसे वह हमसे प्यार करता है l”
उसकी जिज्ञासु प्रतिक्रिया ने मुझे मुस्कुराने को विवश किया : “उसने संसार और लोगों और कारों और घरों को क्यों बनाया? और क्या मेरी तस्वीर उसकी किताब में है?”
जबकि मेरे नए मित्र उत्पत्ति या हम बाकी लोगों की आक्षरिक तस्वीर शास्‍त्र में नहीं है, हम परमेश्वर की कहानी की किताब का एक बड़ा हिस्सा हैं l हम उत्पत्ति 1 में देखते हैं कि “परमेश्वर ने मनुष्य को अपने स्वरूप के अनुसार उत्पन्न किया, अपने ही स्वरूप के अनुसार परमेश्वर ने उनको उत्पन्न किया” (पद.27) l परमेश्वर उनके साथ बगीचे में टहलता था, और फिर उन्हें स्वयं का ईश्वर होने के प्रलोभन में हार मान लेने की चेतावनी दी (अध्याय 3) l बाद में अपनी पुस्तक में, परमेश्वर ने बताया कि कैसे, प्यार में, उसका पुत्र, यीशु, फिर से हमारे साथ चलने आया और हमारी क्षमा और अपनी सृष्टि की आरोग्यता/बहाली के लिए एक योजना लाया l
जैसा कि हम बाइबल में देखते हैं, हम सीखते हैं कि हमारा सृष्टिकर्ता चाहता है कि हम उसे जानें, उसके साथ बात करें और यहाँ तक कि उससे अपने प्रश्न पूछें l हमारी कल्पना से अधिक वह हमारी देखभाल करता है l