अपनी पुस्तक फिअरफुली एंड वंडरफुली मेड(Fearfully and Wonderfully Made) में सह-लेखक, फिलिप यैंसी के साथ, डॉ पॉल ब्रैंड कहते हैं, “एक गुंजन पक्षी(humming bird) के दिल का वजन एक औंस का एक अंश होता है और एक मिनट में आठ सौ बार धड़कता है; एक ब्लू व्हेल के हृदय का वजन आधा टन होता है, जो प्रति मिनट केवल दस बार धड़कता है, और दो मील दूर सुना जा सकता है l इन दोनों में से किसी भी एक के विपरीत, मानव हृदय कमज़ोर सुस्त कार्यात्मक लगता है, फिर भी यह अपना काम करता है, दिन में 100,000 बार धड़कता है [एक मिनट में 65-70 बार] जिसके पास आराम के लिए कोई समय नहीं, और सत्तर साल या उससे अधिक उम्र तक हमें ले जाता है l”
अद्भुत हृदय हमें जीवन में इतनी अच्छी तरह से उर्जा देता है कि यह हमारे समग्र आंतरिक स्वास्थ्य का रूपक बन गया है l फिर भी, हमारे दोनों शाब्दिक और लाक्षणिक(metaphorical) दिल विफलता के लिए प्रवृत्त हैं l हम क्या कर सकते है?
इस्राएल का आराधना अगुआ, भजनकार आसाप ने भजन 73 में स्वीकार किया कि सच्ची ताकत कहीं न कहीं से—किसी से—अन्यथा से आती है l उसने लिखा, “मेरे हृदय और मन दोनों तो हार गए हैं, परन्तु परमेश्वर सर्वदा के लिए मेरा भाग और मेरे हृदय की चट्टान बना है” (पद.26) l आसाप सही था l जीवित परमेश्वर हमारी अंतिम और शाश्वत शक्ति है l स्वर्ग और पृथ्वी के निर्माता के रूप में, वह अपनी पूर्ण शक्ति के प्रति ऐसी कोई सीमा नहीं जानता है l
हमारी कठिनाई और चुनौती के समय में, हम यह जाने कि आसाफ ने अपने संघर्षों के द्वारा क्या सीखा : ईश्वर हमारे हृदयों की सच्ची ताकत है l हम हर दिन उस ताकत में विश्राम कर सकते हैं l