अपने घर से सैकड़ों मील दूर एक कैंसर केंद्र में अपनी माँ के साथ रहकर देख-रेख करनेवाली(care-giver) के रूप में सेवा करते हुए, मैंने लोगों से हमारे लिए प्रार्थना करने के लिए कहा l जैसे-जैसे महीने बीतते गए, अलगाव और अकेलेपन ने मेरी ताकत छीन ली l मैं अपनी शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक थकावट से हार मानकर अपनी माँ की देखभाल कैसे कर सकती थी?
एक दिन, एक मित्र ने मुझे एक अप्रत्याशित देखभाल पैकेज भेजा l मेरे दोस्त ने क्रोशिया से काढ़कर एक बैंगनी प्रार्थना शॉल बनाया, एक गर्म अनुस्मारक, कि हमारे लिए प्रतिदिन प्रार्थना करने वाले लोग थे l जब भी मैंने अपने कंधों पर उस नरम शॉल को लपेटा, मैंने परमेश्वर को मुझे अपने लोगों की प्रार्थनाओं के साथ गले लगाते हुए महसूस किया l वर्षों बाद, वह अभी भी उस बैंगनी शाल का उपयोग मुझे आराम देने और मेरे संकल्प को मजबूत करने के लिए करता है l
प्रेरित पौलुस दूसरों के लिए प्रार्थना करने के महत्व और आत्मा की स्फूर्तिदायक शक्ति की पुष्टि की l अपनी यात्रा के दौरान प्रार्थना के समर्थन और प्रोत्साहन के लिए अपने भावुक अनुरोध के माध्यम से, पौलुस ने दर्शाया कि जो लोग दूसरों के लिए प्रार्थना करते हैं वे सेवा में भागीदार बनते हैं (रोमियों 15:30) l विशिष्ट अनुरोधों की पेशकश करते हुए, प्रेरित ने न केवल साथी विश्वासियों के समर्थन पर अपनी निर्भरता दिखाई, बल्कि अपना भरोसा कि परमेश्वर शक्तिशाली रूप से प्रार्थना का उत्तर देता है (पद.31-33) l
हम सब ऐसे दिनों का अनुभव करेंगे जब हम अकेला महसूस करेंगे l लेकिन पौलुस हमें दिखाता है कि प्रार्थना कैसे मांगनी है जब हम दूसरों के लिए प्रार्थना करते हैं l जब हम ईश्वर के लोगों की परहित प्रार्थनाओं में लिपटे रहते हैं, तो चाहे जीवन हमें कहीं भी ले जाए, हम परमेश्वर की सामर्थ्य और आराम का अनुभव कर सकते हैं l