“ईश्वर रो रहा है l” वे बिल हेली की दस वर्षीय बेटी द्वारा फुसफुसाए गए शब्द थे, क्योंकि वह यीशु के बहुनस्लीय विश्वासियों के एक समूह के साथ बारिश में खड़ी थी l वे परमेश्वर का अनुसरण करने और अमेरिका में नस्लीय कलह की विरासत का अर्थ समझने के लिए आए थे l जब वे उस भूमि पर खड़े थे जहां पूर्व दासों को दफनाया गया था, उन्होंने प्रार्थना में हाथ जोड़े l तभी अचानक हवा चलने लगी, और बारिश होने लगी l जैसे ही अगुआ ने नस्लीय चंगाई के लिए बुलाया, बारिश और तेज़ हो गयी l एकत्रित लोगों ने यह माना कि परमेश्वर सामंजस्य और क्षमा लाने के लिए काम में संलग्न था l
और ऐसा ही कलवरी के सामने भी था – परमेश्वर काम में संलग्न था l क्रूस पर चढ़ाए जाने के बाद यीशु ने अंतिम सांस ली, धरती डोल गयी और चट्टानें तड़क गईं, और कब्रें खुल गईं” (मत्ती 27:51-52) l हालाँकि कुछ ने इस बात से इंकार किया था कि यीशु कौन था, उसकी रक्षा करने के लिए दिया गया एक सूबेदार एक अलग निष्कर्ष पर पहुँचा : “तब सूबेदार और जो उसके साथ . . . थे, भूकंप और जो कुछ हुआ था उसे देखकर अत्यंत डर गए और कहा, ‘सचमुच यह परमेश्वर का पुत्र था!’” (पद.54) l
यीशु की मृत्यु में, परमेश्वर उन सभी के लिए जो उस पर विश्वास करते हैं पाप की क्षमा प्रदान करने के लिए काम कर रहा था l “परमेश्वर ने मसीह में होकर अपने साथ संसार का मेल-मिलाप कर लिया, और उनके अपराधों का दोष उन पर नहीं लगाया” (2 कुरिन्थियों 5:19) l और यह प्रदर्शित करने का इससे बेहतर तरीका क्या है कि हम ईश्वर द्वारा एक-दूसरे को क्षमा प्रदान करने के लिए क्षमा किये गए हैं l