मेरे पिताजी पुराने भजन गाना बहुत पसंद करते थे l उनके पसंदीदा में से एक “इन द गार्डन(In the Garden)” था l कुछ साल पहले,  हमने इसे उनके अंतिम संस्कार में गाया था l कोरस सरल है : “और वह मेरे साथ चलता है, और वह मेरे साथ बात करता है,  और वह मुझसे कहता है कि मैं उसका अपना हूँ,  और वहाँ ठहरकर जो आनंद हम साझा करते हैं, कोई और नहीं जानता है l” इस गीत से मेरे पिताजी खुश होते थे – और उसी तरह मैं भी खुश होता हूँ l

गीत के लेखक सी. ऑस्टिन माइल्स का कहना है कि उन्होंने यूहन्ना के सुसमाचार के अध्याय 20 को पढने के बाद यह गीत 1912 के वसंत ऋतु में लिखा l “जब मैं इसे उस दिन पढ़ रहा था, मैंने महसूस हुआ कि मैं उस दृश्य का हिस्सा हूँ l मैं मरियम के जीवन में उस नाटकीय क्षण का एक मूक गवाह बन गया जब वह अपने प्रभु के सामने घुटने टेक कर पुकारी, ‘रब्बूनी![गुरु] l’ ”

यूहन्ना 20 में,  हम मरियम मगदलीनी को यीशु की खाली कब्र के पास रोते हुए पाते हैं l वहाँ उसकी मुलाकात एक आदमी से हुई जिसने पूछा कि वह क्यों रो रही थी l यह सोचकर कि वह माली था, वह जी उठे उद्धारकर्ता से बोली─यीशु! उसका दुख आनंद में बदल गया,  और वह शिष्यों को बताने के लिए दौड़ी, “”मैंने प्रभु को देखा!” (पद.18) l

हमारे पास भी यह आश्वासन है कि यीशु जी उठा है! वह अब पिता के साथ स्वर्ग में है,  लेकिन उसने हमें अपने उपर नहीं छोड़ा है l मसीह में विश्वासी अपने अन्दर उसकी आत्मा को रखे है, और हमारे पास यह जानने का आश्वासन है कि वह हमारे साथ है, और हम “उसके अपने हैं l”