द हार्वर्ड स्टडी ऑफ़ एडल्ट डेवलपमेंट(The Harvard Study of Adult Development) दशकों से चली आ रही एक परियोजना है जिससे स्वस्थ्य संबंधों के महत्व की अधिक समझ का परिणाम निकला है l  शोध 1930 के दशक में हार्वर्ड विश्वविद्यालय में 268 द्वितीय  वर्ष के छात्रों के एक समूह के साथ शुरू हुआ और बाद में इसका विस्तार, 456 अन्य लोगों के बीच हुआ l  शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों के साथ साक्षात्कार आयोजित किया और हर कुछ वर्षों में उनके मेडिकल रिकॉर्ड बताए l उन्होंने पाया कि खुशी और स्वास्थ्य के भविष्य में करीबी रिश्ते सबसे बड़े कारण हैं l यह पाया गया कि यदि हम अपने आप को सही लोगों के बीच रखते हैं, तो हम संभवत: आनंद की गहरी अनुभूति करेंगे l

यह प्रगट करता है कि प्रेरित पौलुस फिलिप्पियों 1 में क्या वर्णन कर रहा है l जेल से लिखते हुए, पौलुस अपने मित्रों को यह बताने से खुद को रोक न सका कि वह हर बार परमेश्वर को धन्यवाद देता है,  जब वह उनके लिए “आनंद के साथ” विनती करता है (पद.4) l लेकिन ये सिर्फ कोई मित्र नहीं हैं; ये यीशु में भाई और बहन हैं जो सुसमाचार में परमेश्वर के “अनुग्रह में” पौलुस के “सहभागी” हैं (पद.7) l उनका रिश्ता साझेदारी और पारस्परिकता का था─परमेश्वर के प्रेम और स्वयं सुसमाचार द्वारा आकार दी गयी सच्ची संगति l

जी हाँ,  मित्र महत्वपूर्ण हैं,  लेकिन मसीह में साथी एक सच्चे और गहन आनंद के उत्प्रेरक हैं l ईश्वर की कृपा हमें एक साथ बांध सकती है जैसे और कुछ नहीं बाँध सकती है l और यहां तक ​​कि जीवन के सबसे अँधेरे काल के दौरान भी, उस बंधन से आने वाला आनंद बना रहेगा l