उसका नाम स्पेंसर है l लेकिन हर कोई उसे “स्पेंस” पुकारता है l वह हाई स्कूल में स्टेट ट्रैक चैंपियन था; फिर वह एक पूर्ण शैक्षणिक छात्रवृत्ति पर एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में पढ़ने चला गया l वह अब अमेरिका के सबसे बड़े शहरों में से एक में रहता है और रासायनिक इंजीनीयरिंग(chemical engineering) के क्षेत्र में बहुत सम्मानित है l लेकिन अगर आप स्पेंस से उसकी सबसे बड़ी उपलब्धियों के बारे में पूछते, तो वह उन चीजों में से किसी का भी उल्लेख नहीं करता l वह उत्साहपूर्वक उन यात्राओं के बारे में जो वह हर कुछ महीनों में एक जरूरतमंद राष्ट्र का करता है आपको बताता जो वह उस देश के सबसे गरीब क्षेत्रों में उसकी सहायता से स्थापित किए गए ट्यूशन कार्यक्रम में बच्चों और शिक्षकों की जांच कर सके l और वह आपको बताएगा है कि उनकी सेवा करके उसका जीवन कितना समृद्ध हुआ है l
“इनमें से छोटा से छोटा l” यह एक वाक्यांश है जिसे लोग कई तरह से उपयोग करते हैं, फिर भी यीशु ने इसका उपयोग उन लोगों के विषय में बताने के लिए किया है, जिनके पास संसार के मानकों के अनुसार, हमारी सेवा के बदले में हमें देने के लिए बहुत कम या कुछ भी नहीं है l वे पुरुष और महिलाएं और बच्चे हैं जिन्हें संसार अक्सर अनदेखा कर देता है─यदि उन्हें पूरी तरह से भूल न भी जाए l फिर भी ये बिलकुल वही लोग हैं जिन्हें यीशु यह कहते हुए इस खूबसूरत स्तर तक उठाता है, “तुमने जो [इनके लिए] किया, वह मेरे ही लिए किया” (मत्ती 25:40) l मसीह के अर्थ को समझने के लिए आपके पास एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से कोई डिग्री नहीं होनी चाहिए : “छोटे से छोटे” की सेवा करना उसकी सेवा करने के बराबर है l इसमें केवल एक इच्छुक हृदय की ज़रूरत होती है l
जब आप “छोटे से छोटे” वाक्यांश को सुनते हैं तो आपके मन में कौन आता है? आप उनके लिए क्या कुछ कर सकते हैं?
राजा यीशु, मुझे डर है कि मैं आपकी सेवा करने को और कठिन बना देता हूँ जितना वह है भी नहीं l आपके शब्द स्पष्ट हैं─आप मुझे छोटे से छोटे और सबसे निम्न/नगण्य के लिए बुलाते हैं, शायद निकारागुआ में या मेरे पड़ोस में l मुझे सेवा करने का साहस दें l