अपने कॉलेज वॉलीबॉल टीम में, मेरी पोती ने एक जीत दिलानेवाला सिद्धांत सीखा l जब बॉल उसके सामने आती थी, तो चाहे कुछ भी हो, वह बॉल की स्थिति और गति को बेहतर बना देती थी l वह ऐसा खेलती थी जिससे उसके टीम के साथी बेहतर स्थिति में होते थे─बगैर नखरे, दोष, या बहाने के l हमेशा स्थिति को बेहतर बनाएँ l

जब बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने दानिय्येल और तीन इब्री मित्रों को कैद में ले लिया तो दानिय्येल की प्रतिक्रिया ऐसी ही थी l हालाँकि, उन्हें गैर इब्री नाम दिए गए थे और दुश्मन के महल में तीन साल का “प्रशिक्षण” लेने की आज्ञा दी गयी, दानिय्येल ने क्रोध नहीं किया l इसके बजाय, उसने राजा के पोष्टिक भोजन और दाखमधु को खाकर परमेश्वर की दृष्टि में खुद को अपवित्र न करने की अनुमति मांगी l जैसा कि इस पेचीदा बाइबल कहानी में दिखाया गया है कि दस दिनों तक सब्जी और पानी के अलावा कुछ नहीं खाने के बाद (दानिय्येल 1:12), दानिय्येल और उसके दोस्तों के “मुँह राजा के भोजन के खानेवाले सब जवानों से अधिक अच्छे और चिकने दिखाई पड़े” (पद.15)) l

एक और बार, नबूकदनेस्सर ने दानिय्येल और महल के सभी बुद्धिमान लोगों को मारने की धमकी दी, यदि वे राजा के परेशान करने वाले सपने को नहीं दोहरा सकते और उसका मतलब नहीं बता सकते l फिर से, दानिय्येल घबराया नहीं, लेकिन “स्वर्ग के परमेश्वर” से कृपा मांगी,  और भेद दर्शन के द्वारा प्रगट किया गया (2:19) l जैसे दानिय्येल ने परमेश्वर के विषय घोषणा की, “बुद्धि और पराक्रम उसी के हैं” (पद.20) l अपने सम्पूर्ण कैद के दौरान, दानिय्येल ने सामना किये गए संघर्षों के बावजूद परमेश्वर से सर्वश्रेष्ठ माँगा l हमारी अपनी परेशानियों में, हम उसके उदाहरण का अनुसरण करें, जिससे स्थिति को परमेश्वर तक ले जाकर बेहतर बनाया जा सके l