पापुआ न्यू गिनी में, कैंडास जनजाति ने अपनी भाषा में मुद्रित नया नियम बाइबल के आगमन का उत्साह के साथ इंतजार किया l हालाँकि,  गाँव तक पहुँचने के लिए,  किताबों को लाने वाले लोगों को छोटी नावों में समुद्र की यात्रा करनी पड़ी l

किसने उन्हें विशाल समुद्र की यात्रा करने का साहस दिया?  उनकी नाविकविद्या, जी हाँ l  लेकिन वे यह भी जानते थे कि समुद्र को किसने रचा है l वह ही है जो हमारे जीवन के अशांत तरंगों और गहरे जल के पार हममें से हर का मार्गदर्शन करता है l

जैसा कि दाऊद ने लिखा है, “मैं तेरे आत्मा से भागकर कहाँ जाऊँ?” (भजन 139:7) l “यदि मैं आकाश पर चढूं, तो तू वहाँ है . . . यदि मैं . . . समुद्र के पार जा बसूं, तो वहां भी तू अपने हाथ से मेरी अगुवाई करेगा, और अपने दाहिने हाथ से मुझे पकड़े रहेगा” (पद.8-10) l

ये शब्द कैंडास जनजाति के साथ गहराई से प्रतिध्वनित होंगे,  जो एक द्वीप राष्ट्र पर रहते हैं जिनके उष्णकटिबंधीय(tropical) तटों,  घने वर्षावनों(rainforests) और बीहड़ पहाड़ों को “अंतिम अज्ञात/The Last Unknown” कहा जाता है l  फिर भी वहां के और हर जगह के विश्वासी जानते हैं कि  कोई भी जगह या समस्या परमेश्वर के लिए बहुत दूरस्थ नहीं है l भजन 139:12 कहता है, “अंधकार तुझ से न छिपाएगा, रात तो दिन के तुल्य प्रकाश देगी; क्योंकि तेरे लिए अंधियारा और उजियाला दोनों एक समान हैं l”

इसलिए, प्रचण्ड आंधी से, हमारा परमेश्वर बोलता है, “शांत रह, थम जा!”  और आंधी थम गई और बड़ा चैन हो गया (मरकुस 4:39) l इसलिए,  आज जीवन के गहरे या अशांत आंधी से मत डरिये l हमारा परमेश्वर हमें सुरक्षित रूप से उस पार ले चलेगा l