लगभग अठारह वर्ष का एक युवक, कैडेन, एक अकादमिक छात्रवृत्ति पर अपनी पहली पसंद के कॉलेज में पढ़ने  की  उम्मीद कर रहा था l वह हाई स्कूल में एक कैंपस सेवकाई में शामिल था और नए वातावरण में इसी तरह की सेवकाई में भागदारी के लिए उत्सुक था l उसने अपने अंशकालिक नौकरी से पैसे बचाए थे और एक नई नौकरी में भी उसकी श्रेष्ठ बढ़त थी l उसने कुछ महान लक्ष्य स्थापित किए, और सब कुछ ठीक समय पर पूरा हो रहा था l

और फिर 2020 के वसंत में एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट ने सब कुछ बदल दिया l

स्कूल ने कैडेन को बताया कि उसका पहला सेमेस्टर शायद ऑनलाइन होगा  l कैंपस सेवा क्रमभंग हो चुकी थी  l व्यवसाय बंद होने पर नौकरी की संभावना ख़त्म हो गई  l  जब वह निराश हुआ,  उसके दोस्त ने एक प्रसिद्ध पेशेवर बॉक्सर के शब्दों को धाराप्रवाह रूप से उद्धृत किया  : “हाँ,   सभी के पास एक योजना होती है जब तक कि उन्हें अपने मुँह की नहीं खानी पड़ती है l”

नीतिवचन 16 हमें बताता है कि जब हम सब कुछ ईश्वर को समर्पित कर देते हैं,तो वह हमारी योजनाओं को स्थापित करेगा और अपनी इच्छा के अनुसार पूरा करेगा (पद. 3-4)  l हालांकि,  सच्ची प्रतिबद्धता कठिन हो सकती है   l इसमें ईश्वर के निर्देशन के लिए एक खुले  ह्रदय के साथ, अपने मार्ग की  रूप-रेखा तैयार करने की स्वतंत्रता का विरोध करना शामिल है (9; 19:21)  l

सपने जो मूर्त रूप नहीं लेते हैं वे निराशा ला सकते हैं, लेकिन भविष्य के लिए हमारी सीमित दृष्टि कभी भी परमेश्वर के सर्वज्ञ तरीकों का मुकाबला नहीं कर सकती है  l जब हम खुद को उसको समर्पित कर देते हैं,  तो हम निश्चित हो सकते हैं कि वह तब भी हमारे कदमों  को प्यार से निर्देशित कर रहा है जब हम आगे का रास्ता नहीं देख सकते हैं (16:9)  l