आप क्या सोचते हैं जब डायनासोर जीवित थे तब कैसे दिखते थे? बड़े दांत? छिलकेदार त्वचा? लम्बी पूँछ? एक कलाकार इन विलुप्त जीवों को बड़े-बड़े भित्ती चित्रों में फिर से बनाता है l उसकी एक चित्रावली 20 फीट से अधिक ऊँची और 60 फीट लम्बी है l इसके आकार के कारण, इसे खण्डों में स्थापित करने के लिए विशेषज्ञों के एक दल की आवश्यकता थी जहाँ यह प्राकृतिक इतिहास के सैम नोबल ओक्लाहोमा संग्रहालय में है l
डायनासोर द्वारा बौना महसूस किये बिना इस भित्ति-चित्र के सामने खड़ा होना कठिन होगा l जब मैं उस शक्तिशाली जानवर “जलगज” के बारे में परमेश्वर का वर्णन पढ़ता हूँ मुझे उसी तरह का अनुभव होता है (अय्यूब 40:15) । यह बड़ा जानवर बैल के समान घास चबाता था और उसकी पूँछ पेड़ के तने के आकार की थी l उसकी हड्डियाँ लोहे के पाइप की तरह थीं l वह पहाड़ों पर चरता था, और कभी-कभी स्थानीय कीचड़ के गड्ढों में आराम करने के लिए ठहरता था l जब बाढ़ का पानी बढ़ता था, जलगज ने कभी भी चिंता या असहमति नहीं दर्शायी l
उसके सिरजनहार के सिवाय──कोई भी इस अविश्वसनीय प्राणी को वश में नहीं कर सकता था (पद.19)। परमेश्वर ने अय्यूब को इस सच्चाई की याद ऐसे समय में दिलायी जब उसकी समस्याओं ने उसके जीवन पर अशुभ छाया डाली l दुःख, विस्मय और कुंठा ने उसके दर्शन के क्षेत्र को भर दिया जब तक उसने परमेश्वर से प्रश्न करना शुरू नहीं किया l किन्तु परमेश्वर के प्रत्युत्तर ने अय्यूब को चीजों के वास्तविक आकार को देखने में मदद की l परमेश्वर अपने मुद्दों से बड़ा था और उन समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए काफी शक्तिशाली था जिनका समाधान अय्यूब स्वयं नहीं कर सकता था l अंत में, अय्यूब ने स्वीकारा, ‘‘मैं जानता हूँ कि तू सब कुछ कर सकता है’’ (42:2) l
कौन बड़ा है, आपकी सबसे बुरी समस्या या परमेश्वर जिसने सब कुछ बनाया है? परमेश्वर के बारे में आपका दृष्टिकोण समस्याओं से निपटने में किस तरह आपके तरीके को प्रभावित करता है?
प्रिय परमेश्वर, मैं विश्वास करता हूँ कि उन चीजों में जिसका सामना मैं आज कर रहा हूँ आप मेरी मदद कर सकते है । जब मैं परेशानी से अभिभूत महसूस करता हूँ मुझे आपकी सामर्थ्य और भलाई पर भरोसा करने में मदद करें ।